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कपिल सिब्बल को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोपों के जांच की निष्पक्षता पर संदेह

नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल (kapil sibal) ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (brijbhushan sharan singh) के खिलाफ महिला पहलवानों (female wrestler) के यौन शोषण (sexual harassment) के आरोपों के मामले में चल रही जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में पहलवानों की पैरवी की है। उन्होंने ट्वीट किया, पहलवानों के यौन शोषण मामले की जांच: कुछ जांच आरोपियों को दंडित करने की ओर आगे बढ़ती हैं तो कुछ आरोपियों को बचाने की ओर। जिस तरह से यह जांच चल रही है, हम जानते हैं।

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में यह जानकारी दी थी। अदालत ने इससे पहले पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख सिंह तथा भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी बयान दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे।

पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ी है जिसमें पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी प्राथमिकी वयस्कों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। (भाषा)

 

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