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जासूसी मामले में भी सिसोदिया पर केस

नई दिल्ली। शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ऊपर सीबीआई ने एक और केस दर्ज किया है। सीबीआई ने फीडबैक यूनिट बना कर राजनीतिक लोगों की जासूसी कराने के मामले में उनके ऊपर केस दर्ज किया है। यह केस दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट, में कथित भ्रष्टाचार का है। सीबीआई का दावा है कि गैरकानूनी तरीके से फीडबैक यूनिट को बनाने और चलाने से सरकारी खजाने को 36 लाख रुपए का घाटा हुआ है।

इस यूनिट पर विरोधी पार्टी के नेताओं, अधिकारियों और न्यायपालिका के लोगों की जासूसी का भी आरोप है। गौरतलब है कि 2015 में सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने फीडबैक यूनिट बनाई थी। एक साल बाद 2016 में निगरानी विभाग के एक अधिकारी केसी मीणा ने इसे लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद मामले में जांच शुरू हुई थी। पिछले महीने ही उप राज्यपाल की सिफारिश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को इस मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी।

इस मामले में सिसोदिया के अलावा तत्कालीन निगरानी सचिव सुकेश कुमार जैन, सीआईएसएफ के रिटायर डीआईजी राकेश कुमार सिन्हा, खुफिया ब्यूरो कि रिटायर ज्वाइंट डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार पुंज, सीआईएसएफ के रिटायर असिस्टेंट कमांडेंट सतीश खेत्रपाल और गोपाल मोहन के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर संपत्ति का दुरुपयोग, आपराधिक साजिश और धोखा देने के लिए जालसाजी करने सहित कई आरोप लगाए गए हैं।

भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाने की मांग की है। कांग्रेस ने भी कहा है कि ये आतंरिक सुरक्षा का मामला है और इसमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून, यूएपीए लगाया जाना चाहिए। दिल्ली से कांग्रेस के सांसद रहे संदीप दीक्षित ने इस मामले में देशद्रोह के पहलू से जांच करने की मांग की है।

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