नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत पूरे स्वाभिमान के साथ अपनी विरासत पर गर्व रहा है और इस बात पर जोर दे रहा है कि वह आधुनिकता लाने के साथ ही अपनी परंपराओं को मजबूत करेगा। मोदी ने यह भी कहा कि देश की नीतियों और प्रयासों में कोई भेदभाव नहीं है और इसका उद्देश्य गरीबों, पिछड़ों तथा वंचितों की प्राथमिकता के साथ सेवा करना है।
मोदी ने समाज सुधारक एवं आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। प्रधानमंत्री ने जयंती समारोह के ‘लोगो’ का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण (Environment) के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत इस साल जी20 (G20) की अध्यक्षता कर रहा है। मोदी ने कहा कि देश आज पूरे स्वाभिमान के साथ अपनी विरासत पर गर्व कर रहा है। देश पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहा है कि हम आधुनिकता लाते हुए अपनी परंपराओं को मजबूत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘विरासत’ और ‘विकास’ की पटरी पर चल रहा है। मोदी ने कहा कि जब वह ‘कर्तव्य पथ’ पर चलने की बात करते हैं तो कुछ लोग कहते हैं कि वह कर्तव्य की बात करते हैं, लेकिन अधिकार की नहीं। उन्होंने कहा कि अगर 21वीं सदी में मेरे साथ ऐसा है तो सोचिए कि 150 साल पहले समाज को रास्ता दिखाने में स्वामी दयानंद को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा।
मोदी ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाया गया मार्ग करोड़ों लोगों में आशा जगाता है। मोदी ने इस मौके को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती भारत की महिलाओं के सशक्तीकरण की आवाज बने और उन्होंने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ एक मजबूत अभियान चलाया। मोदी ने कहा कि आज देश की बेटियां सियाचिन में तैनात होने से लेकर राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने तक प्रमुख भूमिकाएं निभा रही हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि 1824 में जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने समय की सामाजिक असमानताओं से निपटने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। इसने कहा कि आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बयान में कहा गया कि सरकार समाज सुधारकों और महत्वपूर्ण हस्तियों, विशेष रूप से उन लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके योगदान को अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर उपयुक्त श्रेय नहीं दिया गया है। इसमें कहा गया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने से लेकर श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने तक प्रधानमंत्री मोदी इस तरह की पहल का नेतृत्व आगे बढ़कर कर रहे हैं। (भाषा)