नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि वह मध्यम वर्ग (middle class) की परेशानियों को समझती हैं, क्योंकि वह खुद इस वर्ग से आती हैं। रविवार को प्रकाशन के 75वें वर्ष के अवसर पर आरएसएस के मुखपत्र पाञ्चजन्य (Panchjanya) के प्रकाशन के 75वें वर्ष पर आयोजित समारोह के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के प्रति संवेदनशीलता के कारण ही सरकार ने उन पर कोई नया कर नहीं लगाया है।
सीतारमण ने कार्यक्रम के दौरान कहा, मोदी सरकार ने अब तक किसी भी बजट में मध्यम वर्ग पर कोई नया कर नहीं लगाया है। पांच लाख रुपये तक की आय वाले लोगों पर कोई कर नहीं लगाया गया है। उनकी यह टिप्पणी 1 फरवरी को 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करने से कुछ दिन पहले आई है।
एक इंटरएक्टिव सेशन के दौरान फ्रीबीज पर एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर हर कोई एक-दूसरे को फंसाने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा, ‘मुफ्त तोहफे की बात कर लोग एक-दूसरे को फंसाने की कोशिश करते हैं। मुद्दा यह नहीं है कि मुफ्तखोरी क्या है?
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई मुफ्त देने का दावा करता है तो उसे बजट में दिखाना चाहिए और साल के अंत में बजट की जांच करवानी चाहिए। तो उस खर्च को फ्रीबी नहीं कहा जा सकता।
मुफ्त उपहारों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों को एक निश्चित सीमा तक मुफ्त बिजली देती है।उन्होंने कहा कि कई राज्य लोगों को मुफ्त तोहफे देते हैं, लेकिन उन्हें अपने बजट में नहीं दिखाते।
सीतारमण ने कहा, उन्होंने जो कुछ खर्च किया है, उसका प्रबंधन मोदी जी पर छोड़ देते हैं। अगर आपने मुफ्त के नाम पर वोट मांगा था, तो बोझ केंद्र पर क्यों डालते हैं। (आईएएनएस)