नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party)(आप) के वरिष्ठ नेता गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा है कि देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन जरूरी हो गया है और अगर विपक्ष अब एकजुट नहीं हुआ तो अगली पीढ़ी गंभीर खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि जो दल 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) में भाजपा (BJP) के खिलाफ संभावित संयुक्त मोर्चे का नेता बनने के बारे में सोच रहे हैं, वे स्थिति की गंभीरता को बिल्कुल नहीं समझ पाए हैं। आप के वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई में समान विचारधारा वाले कई दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी 15 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को फोन किया था, जिसके एक दिन बाद सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में आप के राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया था। खरगे ने भी 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या आप 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाएगी, राय ने कहा कि देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी दलों का एकजुट होना जरूरी हो गया है। राय ने आरोप लगाया कि संसदीय प्रणाली को पंगु बनाने और बिना विरोध वाली एक प्रणाली स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं जो कि भारत के संविधान पर सीधा हमला और देश में निरंकुश शासन स्थापित करने की अप्रत्यक्ष कोशिश है। उन्होंने कहा कि सभी संस्थानों पर कब्जा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, चाहे वह प्रवर्तन निदेशालय हो, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, चुनाव आयोग और यहां तक कि न्यायपालिका भी, जो कि सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ये संस्थान अपनी स्वतंत्रता खो देते हैं, तो भारत ने पिछले 75 वर्षों में जो कुछ भी हासिल किया है, उसे वह खो देगा।
राय ने कहा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए कांग्रेस, आप, समाजवादी पार्टी और वाम दल छोटे संगठन हैं। 2024 के चुनावों की तुलना पारंपरिक चुनावों से नहीं की जा सकती है। ये पूरी तरह से अलग परिस्थितियां हैं, यह (समान विचारधारा वाले दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन) देश के लिए आवश्यक हो गया है। मुझे लगता है कि अगर हमने मिलकर अभी समस्या का समाधान नहीं किया तो यह अगली पीढ़ी को गंभीर खतरे में डाल देगा।
विपक्षी एकता की दिशा में प्रयासों के बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी थे। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चे का नेतृत्व करना चाहिए, राय ने कहा कि यह नेता होने के बारे में नहीं है, यह देश और लोकतंत्र को बचाने के बारे में है। उन्होंने कहा, कांग्रेस भी जानती है कि यह पूरी तरह से अलग स्थिति है। जो लोग अभी भी नेता बनने के बारे में सोच रहे हैं, वे स्थिति को बिल्कुल नहीं समझ पाए हैं।
आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद अपने दल की योजनाओं के बारे में राय ने कहा कि ‘आप’ देश भर में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए काम जारी रखेगी। उन्होंने कहा, हम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर रहे हैं। हम राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद इन राज्यों (भाजपा और कांग्रेस शासित) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। (भाषा)