Naya India

ठाकुर का राहुल पर तंजः जिसकी दादी ने सावरकर का सम्मान किया, वह कर रहे हैं अपमान

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘दूर-दूर तक’ भी कभी वीर सावरकर (Veer Savarkar) नहीं बन सकते क्योंकि इसके लिए दृढ़ संकल्प और देश के प्रति प्रेम होना चाहिए।

राहुल गांधी के हाल ही में दावा किया था कि सावरकर ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के ‘समर्थक’ थे और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करने के लिए कभी भी खेद व्यक्त नहीं करेंगे। ठाकुर ने इन दावों के संदर्भ में रविवार को ट्वीट किया, ‘प्रिय श्री गांधी, आप सपने में भी कभी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि सावरकर होने के लिए दृढ़ संकल्प, भारत के लिए प्यार, निस्वार्थता और प्रतिबद्धता की जरूरत होती है।’ ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी दूर-दूर तक कभी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी ने न तो साल में छह महीने विदेश यात्रा की और न ही अपने देश के खिलाफ विदेशियों से मदद मांगी।

इसे भी पढ़ेः राहुल के फिर बिगड़े बोलः मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है, गांधी माफी नहीं मांगता

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘वह भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए एक आंदोलन शुरू करने के वास्ते ब्रिटेन गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘वीर सावरकर जी के खिलाफ लगातार गलत बयान देने वाले झूठ के मास्टर राहुल गांधी को बेनकाब करने का समय आ गया है।’ ठाकुर ने सावरकर की जन्म शताब्दी के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिखा गया एक पत्र भी ट्विटर पर साझा किया।

इंदिरा गांधी ने 20 मई 1980 को लिखे इस पत्र में कहा था, ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साहस दिखाने वाले वीर सावरकर का हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान है। मैं भारत के इस उल्लेखनीय सपूत की जन्म शताब्दी मनाने की योजना के सफल होने की कामना करती हूं।’

ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के कार्यकाल के दौरान सावरकर पर एक वृत्तचित्र जारी किया था ताकि ‘राष्ट्र के लिए उनकी वीरता, बलिदान और निस्वार्थ सेवा को स्वीकार किया जा सके।’ मंत्री ने ‘भगत सिंह की जेल नोटबुक’ के अंश भी साझा किए जिसमें क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी ने सावरकर द्वारा लिखित पुस्तकों से ‘नोट्स’ बनाए थे।

भाजपा के नेता ने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस ने 1923 में अपने काकीनाडा अधिवेशन में सावरकर के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर के योगदान को स्वीकार करने के लिए एक डाक टिकट भी जारी किया था।

ठाकुर ने कहा, ‘जरा सोचिए, एक ऐसा व्यक्ति जिसकी दादी ने महान व्यक्तित्व वीर सावरकर का सम्मान किया और उस युग के किसी भी महापुरुष ने उनके बारे में कभी बुरा नहीं कहा। ये सब बातें कहकर राहुल गांधी केवल सावरकर का नहीं बल्कि अपनी दादी, नेताजी बोस, भगत सिंह और यहां तक कि (महात्मा) गांधीजी का भी अपमान कर रहे हैं।’ (भाषा)

Exit mobile version