Austin India visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के अपने समकक्ष लॉयड ऑस्टिन ने भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं और हिंद-प्रशांत समेत क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर सोमवार को व्यापक चर्चा की।
ऑस्टिन दो दिन की यात्रा पर रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा से दो सप्ताह पहले हो रही है। वार्ता से पहले ऑस्टिन की यात्रा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि सिंह के साथ उनकी चर्चा सहयोग के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित होगी, जिसमें सैन्य हार्डवेयर के सह-विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी शामिल है। मानेकशॉ सेंटर में वार्ता से पहले ऑस्टिन ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने रविवार को ट्वीट किया, रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के बारे में चर्चा के लिये महत्वपूर्ण नेताओं के साथ बैठक करने भारत आया हूं। साथ मिलकर हम मुक्त एवं खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहे हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन लड़ाकू विमानों के इंजन के लिए भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने के जनरल इलेक्ट्रिक के प्रस्ताव और अमेरिकी रक्षा उपकरण कंपनी जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इंक से तीन अरब अमेरिकी डॉलर के 30 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर चर्चा कर सकते हैं।
भारत अपने लड़ाकू विमानों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ‘रूपरेखा’ के तहत देश में लड़ाकू विमानों के इंजन के विनिर्माण की संभावना तलाश रहा है। अमेरिका ने जून, 2016 में भारत को एक ‘बड़े रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था, जिससे अहम रक्षा उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी को साझा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
अमेरिकी रक्षा मंत्री सिंगापुर से यहां पहुंचे हैं। ऑस्टिन की यह भारत की दूसरी यात्रा है। इससे पहले, उन्होंने मार्च 2021 में भारत की यात्रा की थी। सिंगापुर में शुक्रवार को ‘शांगरी-ला वार्ता’ में अपने संबोधन में ऑस्टिन ने कहा था, भारत के साथ अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर हमारी पहल हमें अहम रक्षा उपकरणों को साथ मिलकर विकसित करने का मार्ग ढूंढने की अनुमति देती है। (भाषा)