नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने ‘रामसेतु’ (ramsetu) को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने की मांग वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी (Dr Subramanian Swamy) की याचिका पर केंद्र सरकार ((Central Government) को फरवरी के पहले सप्ताह तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद डॉ. स्वामी की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद सरकार को फरवरी के प्रथम सप्ताह तक अपना जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत इस मामले में अगली सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में करेगी।
डॉ. स्वामी ने पीठ के समक्ष दलील देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने 12 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को वचन दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अदालत के समक्ष दिये गये वचन का पालन नहीं करने पर केंद्रीय कैबिनेट सचिव को समन जारी करने की मांग की , लेकिन पीठ ने उनकी इस गुहार को अस्वीकार कर दिया।
डॉ. स्वामी ने भारत और श्रीलंका के बीच मौजूद खाड़ी में तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चट्टानों से निर्मित ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग करते हुए 2007 में एक याचिका दायर की थी। हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले बहुत से लोगों का मानना है कि ये चट्टानें रामायण काल की हैं।
केंद्र सरकार ने 2021 में यह पता लगाने के लिए शोध की अनुमति दी थी कि रामसेतु मानव निर्मित है या नहीं। इसके अलावा इसके बनने का समय क्या है और क्या यह रामायण के दौर से मिलता है। (वार्ता)