रांची। झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज सदन में भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू व महाधिवक्ता के बीच बातचीत का ऑडियो लीक होने के मामला उठाया।
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो (Rabindranath Mahato) के सदन में आसन ग्रहण करते ही भाजपा के विधायकों ने झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन (Advocate General Rajeev Ranjan) को बर्खास्त करने की मांग की। भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने कहा कि महाधिवक्ता अपराधियों को मदद पहुंचा रहे हैं और ऐसे में राज्य सरकार उन्हें तुरंत बर्खास्त करे तथा पूरे मामले की जांच सीबीआई से हो। इसे लेकर भाजपा के विधायक सदन के बीच में में पहुंचकर हंगामा करने लगे। बाद में सभा अध्यक्ष ने सदस्यों को शांत किया।
इसके बाद भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने राज्य में नदियों के अतिक्रमण का मामला उठाया और कहा कि नदियों के अतिक्रमण से राज्य की अधिकांश नदियों का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गढ़वा जिला के भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे जल स्रोत हैं जैसे पांडा नदी, डोमनी नदी, धोबनी नदी समेत आधे दर्जन से ज्यादा नदियों का अस्तित्व खतरे में है। नदियों को बचाने के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कमिटी बनाई जाए। प्रत्येक जिले में जल संरक्षण के लिए नीति बने।
इस पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पूरे राज्य में जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में कमिटी काम कर रही है। इसलिए अलग से कमिटी बनाने का कोई औचित्य नहीं हैं। भाजपा विधायक अमर बाउरी के एक सवाल पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर को उनसे हल्की नोकझोंक हुई। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट श्री बाउरी ने स्पीकर से कहा कि सरकार को निर्देशित करिए। इसपर मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आप गलतफहमी में ना रहें कि सिर्फ आपको ही जानकारी है।
श्री बाउरी ने पूछा था कि क्या सरकार चास प्रखंड के केलिया डाबर में 10 एकड़ से अधिक में फैले लोतन बांध का जीर्णोद्धार कराना चाहती है। इसका जवाब देते हुए मंत्री श्री ठाकुर ने कहा था कि सवाल पूछने से पहले आप जान लें कि वह बांध नहीं है, नहर है और जल संसाधन विभाग के अंदर नहर नहीं आता है। इसी के बाद दोनों में नोंकझोंक हुई।
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने अपने सवाल में कहा कि राज्य की जन वितरण प्रणाली की दुकानदारों को विगत 16 महीने से कमीशन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है और इसके कारण उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने सरकार से शीघ्र कमीशन भुगतान करने की मांग की।जवाब में प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को एक रुपये प्रति किलो की दर से जन वितरण प्रणाली की दुकानों से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। डीलरों को यह एक रुपया कमीशन के रूप में जाता है।इस योजना में डीलर का कोई कमीशन बकाया नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई गई थी। इस योजना के तहत राज्य सरकार को केंद्र से चार महीने की राशि प्राप्त हुई है जो 90 करोड़ 87 लाख है। बाकी 60 करोड़ रुपया केंद्र सरकार के पास बकाया है। उन्होंने कहा कि 3 महीने के अंदर बची हुई राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में पोषाहार राशि नहीं मिलने से 2330 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े 50 हजार से अधिक बच्चे, गर्भवती व धात्री माताओं को पोषाहार बंद होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पोषाहार के आवंटन नहीं होने से उधार लेकर पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा था उसे भी बंद कर दिया गया। जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद ने विधानसभा अध्यक्ष श्री महतो से कहा कि सदन में आश्वासन मिलने के बाद भी काम नहीं होता है। इस पर प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्राति शीघ्र इनके मांग पर काम कराना चाहती है। आजसू विधायक लंबोदर महतो ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदन में सहारा इंडिया द्वारा झारखंड के लोगों का पैसा हड़पने का मामला उठाया। श्री महतो ने सरकार से पूछा कि जमाकर्ताओं का पैसा निकालने के लिए क्या किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में सिर्फ गोमिया प्रखंड के 18 हजार 500 जमाकर्ताओं ने 274 करोड़ रुपया जमा कराए हुए हैं। इसपर राज्य सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सहारा इंडिया का मामला राज्य सरकार के अधीन नहीं आता है। (वार्ता)