रांची। ईडी ने झारखंड में पत्थरों के अवैध खनन (illegal stone mining) और कारोबार के जरिए एक हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में साहिबगंज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव (Ramniwas Yadav) को पूछताछ के लिए समन भेजा है। उन्हें आगामी 23 जनवरी को ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित जोनल कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को भी ईडी जल्द ही समन भेज सकती है। उपायुक्त रामनिवास यादव भारतीय प्रशासनिक सेवा के दूसरे अफसर हैं, जिनसे ईडी झारखंड के खनन घोटाले में पूछताछ करेगी। इस मामले में सीनियर आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ के बाद उनके खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह भी बताया है कि साहिबगंज में वर्तमान उपायुक्त रामनिवास यादव के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन हुआ है। रामनिवास यादव अक्टूबर 2020 से इस पद पर पदस्थापित हैं। झारखंड लघु खनिज परिहार नियमावली 2004 एवं झारखंड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम) नियमावली 2017 के अनुसार, खनिजों के प्रबंधन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी डीसी की है। डीसी अवैध खनन के खिलाफ जिला स्तरीय टास्क फोर्स के प्रमुख भी हैं।
बता दें कि पिछले साल 18 नवंबर को सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा की गई पूछताछ में कहा था कि अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने कभी किसी डीसी-एसपी को नहीं रोका।
ईडी ने इस बात के भी प्रमाण जुटाए हैं कि खनन घोटाले के किंगपिन पंकज मिश्र ने न्यायिक हिरासत (जेल) में रहते हुए भी साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा से लगातार फोन कॉल पर बात की। वह ठेका-पट्टा, टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे काम के लिए अफसरों से बात करता था। ईडी ने उन नंबरों के सीडीआर भी निकाले हैं, जिनसे वह इन अफसरों को कॉल करता था।
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक पंकज कुल 11 आईएएस-आईपीएस से लगातार संपर्क में था। जाहिर है, ये तमाम अफसर अब ईडी की जांच के रडार पर हैं। (आईएएनएस)