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झारखंड में धान क्रय अधिप्राप्ति योजना की शुरुआत

ByNI Desk,
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झारखंड में धान क्रय अधिप्राप्ति योजना की शुरुआत
रांची। झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव (Dr Rameshwar Oraon) ने धान क्रय अधिप्राप्ति योजना (Paddy Purchase Procurement Scheme) की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे राज्य में किया। राज्य में 2022- 23 के लिए आठ लाख मैट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। अपने आवास पर डॉ उरांव ने धान क्रय को लेकर राज्य के सभी जिलों के डीएसओ, लैंप्स, पैक्स एवं किसानों की उपस्थिति में धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य की शुरुआत की। मौके पर किसान धान लेकर सीधे लैंप्स एवं पैक्स पहुंच कर सरकार को धान दे रहे हैं। इस दौरान डीएसओ ने 226 प्रखंड में सुखाड़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य को पुनरीक्षित करने का अनुरोध किया है, इस पर डा. उरांव ने कहा विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है। धान अधिप्राप्ति लांचिंग के मौके पर विभागीय सचिव हिमानी पांडे,एसएफसी के निदेशक जतीन प्रसाद,अवर सचिव सतीश चंद्र चौधरी मुख्य रूप से उपस्थित थे‌। इस मौके पर डा. उरांव ने कहा किसानों को एमएसपी का फायदा पहुंचाना है, बाजार में किसान अपना अनाज नहीं पहुंचा पाते हैं और प्रतिस्पर्धा में वह कहीं टिकते भी नहीं हैं,बहुत कम कीमत मिलता है उनके अनाज का।किसानों से 14-15 सौ रुपये क्विंटल व्यापारी धान खरीदते हैं जिससे उन्हें भारी नुक़सान होता है। एमएसपी का लाभ किसानों को मिल जाए इसके लिए हम उन्हें 2050 रुपये क्विंटल कीमत देते हैं यानि 500 रुपये ज्यादा। हर साल 15 दिसंबर को सरकार इस योजना की शुरुआत करती है, सभी डीएसओ और फील्ड ऑफिसर से आग्रह किया है कि पिछले साल जिस प्रकार 97% लक्ष्य पूरा किया गया था इस बार भी निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना है, 226 प्रखंड सूखाग्रस्त है, धान इस बार कम हुआ है इसलिए लक्ष्य कम करने की भी जरूरत है जैसा कि डीएसओ ने आग्रह किया है। डा. उरांव ने किसानों से अपील किया है कि सरकार के एमएसपी का लाभ उठाएं ,50% धान की कीमत का भुगतान तुरंत किया जाएगा और 50% राशि का भुगतान जब धान राइस मिल में जाएगा तो मिल जाएगा। पैसों की कोई कमी नहीं है पहले पैसों की कमी होती थी लेकिन पिछले साल से सरकार पैसों का इंतजाम कर ली है और किसी भी किसान को पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है, 50% राशि का भुगतान तुरंत हो जाएगा और 50% राइस मिल में जाने के बाद मिल जाएगा। इसलिए किसानों से अनुरोध है कि बेखौफ होकर अपने नजदीकी लैंप्स पैक्स में धान पहुंचायें और एमएसपी का फायदा उठायें। (वार्ता)
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