बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र (Narendra Modi) मोदी बृहस्पतिवार को कर्नाटक (Karnataka) के यादगिर (Yadgir) और कलबुर्गी (Kalaburagi) जिलों का दौरा करेंगे तथा वह इस दौरान 10,800 करोड़ रुपये से अधिक राशि की विभिन्न योजनाओं (schemes) का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
कर्नाटक में मोदी का इस महीने इस प्रकार का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वह राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन के लिए हुब्बल्लि आए थे और उन्होंने इस दौरान एक रोड शो भी किया था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12 बजे यादगिर जिले के कोडेकल में सिंचाई, पेयजल और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे व उनका उद्घाटन करेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री अपराह्न करीब सवा दो बजे कलबुर्गी जिले के मालखेड पहुंचेंगे, जहां वह हाल में घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना हक (हक्कू पत्र) वितरित करेंगे और एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और उसने कुल 224 में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा महत्वपूर्ण है। मोदी सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप जल जीवन मिशन के अंतर्गत यादगिर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखेंगे।
इस योजना के तहत 117 एमएलडी का जल शोधन संयंत्र बनाया जाएगा। करीब 2,050 करोड़ रुपये लागत वाली इस परियोजना से यादगिर जिले की 700 से अधिक ग्रामीण बस्तियों और तीन कस्बों के लगभग 2.3 लाख घरों को पीने योग्य पानी उपलब्ध होगा।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नारायणपुर लेफ्ट बैंक नहर-विस्तार नवीकरण और आधुनिकीकरण परियोजना (एनएलबीसी – ईआरएम) का भी उद्घाटन करेंगे।
दस हजार क्यूसेक की नहर वहन क्षमता वाली इस परियोजना से 4.5 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र की सिंचाई की जा सकती है और इससे कलबुर्गी, यादगिर और विजयपुर जिलों के 560 गांवों के तीन लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल लागत लगभग 4,700 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-150सी के 65.5 किलोमीटर खंड की आधारशिला भी रखेंगे। छह लेन की यह ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। इसे बनाने में करीब 2,000 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि कलबुर्गी, यादगिर, रायचूर, बीदर और विजयपुरा जिलों में लगभग 1,475 गैर-पंजीकृत बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री कलबुर्गी जिले में सेदम तालुका के मलखेड गांव में इन नए घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित करेंगे।
पचास हजार से अधिक लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र जारी किए जाएंगे। इनमें से बड़ी संख्या में लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हाशिए पर रह रहे और कमजोर समुदायों के हैं। इन लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र देना उनकी भूमि को सरकार से औपचारिक मान्यता प्रदान करने की दिशा में एक कदम है, जो उन्हें पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पात्र बना देगा।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एनएच-150सी के 71 किलोमीटर लंबे खंड का शिलान्यास भी करेंगे। यह छह लेन वाली ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना भी सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। इसे 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है।
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे छह राज्यों- गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजरेगा। यह मौजूदा मार्ग को 1,600 किलोमीटर से घटाकर 1,270 किलोमीटर कर देगा। मोदी कर्नाटक के दौरे के बाद मुंबई के लिए रवाना होंगे। (भाषा)