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पाकिस्तानः इमरान के करीबी पूर्व विदेशमंत्री कुरैशी गिरफ्तार, हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना तैनात

इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में हिंसा (violence) के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के करीबी सहायक एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। इस हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी है तथा देश की राजधानी और तीन प्रांतों में सेना (Army) बुलानी पड़ी है।

कुरैशी की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गये एक वीडियो में सादे कपड़ों में कुछ लोग उन्हें ले जाते हुए दिखे और वह हिरासत में लिए जाने वाले स्थान से रवाना होने से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर हाथ हिलाते हुए नजर आए। पीटीआई ने दावा किया कि इस्लामाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार तड़के 66 वर्षीय कुरैशी को गिरफ्तार किया तथा उन्हें एक ‘‘अज्ञात स्थान’’ पर ले जाया गया है। उनकी गिरफ्तारी से दो दिन पहले मंगलवार को इमरान खान को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे।

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के आदेश पर मंगलवार को अर्द्धसैनिक बल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में घुस कर खान (70) को हिरासत में ले लिया था। बुधवार को एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने 70 वर्षीय खान को आठ दिन की रिमांड में भेज दिया।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान को भ्रष्टाचार के मामले में अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किए जाने के बाद देशभर में व्यापक पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी तथा प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच झड़पों में करीब 300 अन्य लोग घायल हो गए। हिंसा के कारण प्राधिकारियों को बुधवार को राजधानी इस्लामाबाद के साथ ही पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को तैनात करना पड़ा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री खान के समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की निंदा की और प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी।

प्रधानमंत्री ने कहा, सार्वजनिक संपत्ति पर हमला आतंकवाद और देश के प्रति शत्रुता का कार्य है।उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। खबरों के अनुसार, लाहौर तथा पेशावर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं और वहां आगजनी तथा गोलीबारी की घटनाएं हुईं।

पाकिस्तानी सेना ने अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को ‘कड़ा जवाब’ देने की चेतावनी दी और कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही, उसने नौ मई को उसके प्रतिष्ठानों पर हमलों को देश के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार दिया। इसके कुछ घंटों बाद शरीफ ने देश को संबोधित किया। (एपी)

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