जयपुर। राजस्थान सरकार (Rajasthan government) ने मंगलवार को कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों (government jobs) में स्थानीय लोगों (local people) को अलग से आरक्षण (Reservation) देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में प्रश्नकाल में राज्य की भर्तियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण संबंधी सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “सभी सेवा नियमों में ‘राष्ट्रीयता’ के नियम के तहत कर्मचारी के भारत का नागरिक होने का प्रावधान है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 (2) के अनुसार, निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक नियोजन में भेदभाव नहीं किया जा सकता।
कल्ला ने कहा, निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक नियोजन में विधिक प्रावधान करने का अधिकार अनुच्छेद 16 (3) के अनुसार केवल संसद को है। राज्य में वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने सदन को सूचित किया कि वर्तमान में प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय लोगों के लिए अलग से आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन राज्य के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग/ अति पिछड़ा वर्ग/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की कुल भर्तियों में से 64 फीसदी पदों को केवल राजस्थान के स्थानीय निवासीयों से भरे जाने का प्रावधान है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक वासुदेव देवनानी ने पूछा था प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय लोगों को कितना प्रतिशत आरक्षण देय है और क्या सरकार भर्तियों में स्थानिय लोगों को आरक्षण देने का विचार रखती है? (भाषा)