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जिलाधिकारी रखें रैन बसेरों पर नजर: योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जिलाधिकारियों (District Magistrate) को निर्देश (night shelter) दिये हैं कि वे रैन बसेरों की व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें। ठंड (cold) के मौसम में सड़क पर कोई भी व्यक्ति सोता हुआ नजर न आए।

श्री योगी ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि शीतलहर (cold wave) के बीच निराश्रित जनों की सहायता के लिए प्रदेश में रैन बसेरों की स्थापना की गई है। अब तक 1200 से अधिक रैन बसेरे स्थापित किये गए हैं। जिलाधिकारी स्वयं रैन बसेरों की व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें। जहां आवश्यकता हो सुधार कराएं। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में सड़क पर कोई भी व्यक्ति सोता हुआ नजर न आए। हर जरूरतमंद को रैन बसेरे की सुविधा उपलब्ध हो। निराश्रित, जरूरतमंद लोगों को अब तक 2.86 लाख कंबल वितरित किये जा चुके हैं। यह क्रम आगे भी जारी रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कंबल आदि राहत सामग्री का वितरण स्थानीय सांसद/विधायक/स्थानीय निकाय चेयरमैन आदि जनप्रतिनिधियों द्वारा ही किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर अलाव के समुचित प्रबंध हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 6.50 लाख किसानों से 41 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद हो चुकी है। 8400 करोड़ रूपये की इस खरीद के सापेक्ष वर्तमान में बकाये 6700 करोड़ रूपये का भुगतान किसानों के बैंक खाते में किया जा चुका है। अवशेष 1700 करोड़ रूपये का यथाशीघ्र भुगतान करा दिया जाए। प्रदेश के सभी जिलों में डीएपी और यूरिया की उपलब्धता पर नजर रखी जाए। कहीं भी खाद की कमी न हो। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर पिछले दिनों बाराबंकी जिले में एक दिवसीय निवेशक व निर्यातक सम्मेलन आयोजित किया गया था। बाराबंकी के यह प्रयास अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्पद है। ऐसे आयोजन अन्य जिलों में भी किए जाने चाहिए। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।

श्री योगी ने कहा कि प्रयागराज माघ मेले में कल्पवासियों और साधु-संतों की भावनाओं और आवश्यकताओं का सम्मान किया जाए। अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य हो। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों, को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। पुलिस महानिदेशक द्वारा स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया जाए। (वार्ता)

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