Naya India

जोशीमठ में मकानों में दरारों से दहशत में लोग

गोपेश्वर (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) शहर में कई मकानों (houses) में दरारें (cracks) आने के बाद कम से कम 30 परिवारों (families) को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ (Badrinath) तथा हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप (earthquakes) के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि अब तक शहर के विभिन्न इलाकों में 561 मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग मकानों को अलग-अलग प्रकार की क्षति हुई है और अब तक सर्वाधिक प्रभावित मकानों में रह रहे 29 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि जिन स्थानों पर परिवारों को स्थानांतरित किया गया है उनमें नगर पालिका भवन, एक प्राथमिक विद्यालय भवन, मिलन केंद्र और जोशीमठ गुरुद्वारा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुछ परिवार अपने संबंधियों के यहां चले गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और वह हालात का जायजा लेने स्वयं वहां जाएंगे। भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आने वाले इस शहर का सर्वे करने के लिए विशेषज्ञों का एक दल भी गठित किया गया है। (भाषा)

Exit mobile version