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अमेरिकी अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भारतीय नौसैनिक अड्डे का किया दौरा

वाशिंगटन। अमेरिकी अधिकारियों ने रक्षा सहयोग के निर्माण में भारत के साथ अपने तालमेल को प्रतिबिंबित करते हुए भारतीय नौसेना (Indian naval base) के एक प्रमुख अड्डे का दौरा किया, जहां पट्टे पर लिए गए अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन (Predator drones) का संचालन किया जाता है।

‘जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम्स’ (जीए-एएसआई GA-ASI) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस दौरान अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को भारतीय नौसेना द्वारा दूर से संचालित विमान, उसके विभिन्न सेंसर की क्षमताओं, भारतीय नौसेना की निगरानी में उसके योगदान, रखरखाव आदि के बारे में बताया गया।

‘जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक लाल ने एक बयान में कहा कि भारतीय नौसेना अड्डे में एमक्यू-9 संचालन देखने के लिए भारत में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों की यात्रा, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति स्थापित करने और उसे कायम रखने के लिए विश्वसनीय रक्षा सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ तालमेल को प्रतिबिंबित करती है।

भारत ने जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम्स (जीए-एएसआई) द्वारा निर्मित एमक्यू-9 रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स (आरपीएएस) को दो साल से अधिक समय के लिए पट्टे पर लिया है।

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में वाणिज्य अताशे राघवन श्रीनिवासन ने कहा कि भारतीय नौसेना ओर जीए-एएसआई के बीच सहयोग देखकर हम वास्तव में खुश हैं। एमक्यू-9 एक सिद्ध आईएसआर मंच है और भारतीय नौसेना ने इसे अपनी पूरी क्षमता के साथ तैनात किया है।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जीए-एएसआई दुनिया के सबसे उन्नत आरपीएएस का निर्माण करता है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और उसे परस्पर जुड़े नियंत्रण स्टेशन और परिचालन केंद्रों की एक जटिल प्रणाली द्वारा संचालित किए जाते हैं। (भाषा)

 

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