नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बडे को मिली जमानत के खिलाफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की याचिका खारिज कर दी है। बंबई हाई कोर्ट ने तेलतुम्बडे को जमानत दे दी थी, जिसे एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह तेलतुम्बडे को जमानत देने से संबंधित बंबई हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
हाई कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लेते हुए 18 नवंबर को तेलतुम्बडे की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी कि पहली नजर में उनके खिलाफ एकमात्र मामला एक आतंकवादी समूह के साथ कथित संबंध और उसे दिए गए समर्थन से संबंधित है, जिसके लिए अधिकतम 10 साल जेल की सजा है। हाई कोर्ट ने, हालांकि, एक सप्ताह के लिए अपने जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी, ताकि मामले की जांच कर रही एजेंसी एनआईए सुप्रीम कोर्ट जा सके।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आनंद तेलतुम्बडे के जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया है। तेलतुम्बडे 73 साल के हैं और उनको भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में गिरफ्तार कुल 16 आरोपियों में तीसरे आरोपी हैं, जिन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया है। कवि वरवर राव वर्तमान में स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं, जबकि वकील सुधा भारद्वाज नियमित जमानत पर बाहर हैं।