
मुंबई। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या से पहले महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या हुई थी। कन्हैया लाल की तरह उमेश कोल्हे ने भी पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए ने इस मामले की भी जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से आदेश दिए जाने के बाद एनआईए ने 21 जून को हुई इस हत्या की जांच शुरू की है।
इस बीच एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें इस घटना में शामिल आरोपियों के दिखने का दावा किया जा रहा है। एनआईए फिलहाल इस सीसीटीवी फुटेज की भी जांच में भी जुटी है। इससे पहले भाजपा के स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया था कि ये हत्या पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि केमिस्ट का काम करने वाले उमेश कोल्हे ने सोशल मीडिया ग्रुप में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था।
कोल्हे की हत्या के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने उमेश कोल्हे की हत्या के 12 दिन बाद इस मामले को सुलझा लेने का दावा किया है। पुलिस ने शनिवार को इस मामले गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया। अदालत ने दो आरोपी यूनुस खान और बहादुर खान को छह जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि एक अन्य आरोपी राशिद को जेल भेज दिया। इससे पहले अदालत ने गिरफ्तार चार आरोपियों को चार जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था।
उमेश कोल्हे पेशे से केमिस्ट थे और उनकी जानवरों की दवाई की दुकान है। 21 जून की रात वो दुकान बंद कर घर लौट रहे थे तभी रास्ते में कुछ लोगों ने उनकी गला रेत कर हत्या कर दी। शुरुआत में ये लूट के लिए या फिर आपसी दुश्मनी में हत्या का मामला लगा। लेकिन अभी तक की जांच में ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।