नई दिल्ली। हजारों करोड़ रुपए के बैंकिंग घोटाले में भारत का फरार आरोपी नीरव मोदी वापस लाया जा सकता है। उसको लंदन से भारत लाने के रास्ते की एक और बाधा दूर हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील हार गया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि भारत की जेल में आत्महत्या कर लेने की संभावना की दलील मजबूत नहीं है और इसे प्रत्यर्पण नहीं करने का आधार नहीं बनाया जा सकता है।
इसके बाद माना जा रहा है कि सरकारी बैंकों के 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक लेकर भारत से भागे गुजरात के हीरा कारोबारी नीरव मोदी को जल्दी ही ब्रिटेन से भारत प्रत्यार्पित किया जा सकता है। नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत वापस भेजे जाने के खिलाफ अपील की थी। हाई कोर्ट ने यह अपील खारिज कर दी है।
लंदन हाई कोर्ट लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में अपील पर सुनवाई की, उन्होंने फैसला सुनाया। दोनों जजों ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी। न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा- हम इस बात से संतुष्ट नहीं हैं कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति और आत्महत्या का जोखिम ऐसा है कि उन्हें प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा।
लंदन हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ 14 दिनों के भीतर नीरव मोदी ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट में तभी अपील कर सकता है जब हाई कोर्ट सहमत हो कि उसके मामले में आम सार्वजनिक महत्व का कानून शामिल है। नीरव मोदी के साथ ही घोटाला करके फरार हुए उससे करीबी रिश्तेदार मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। उसे भी अभी तक भारत लाने में एजेंसियां सफल नहीं हो पाई हैं।
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