नई दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दो हफ्ते में दुनिया के 38 देशों में पहुंच गया है और इसका फुटप्रिंट तेजी से फैल रहा है। इसके दुनिया के 38 देशों में पहुंचने की जानकारी देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लुएचओ ने एक अच्छी बात यह बताई कि अभी तक इस वैरिएंट के संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है। माना जा रहा है कि यह वैरिएंट संक्रामक है यानी तेजी से फैलता है लेकिन घातक नहीं है। हालांकि इस बात की वैज्ञानिक तरीके से पुष्टि नहीं हुई है। Omicron reaches 38 countries
इस वैरिएंट के लक्षण और इसके असर का भी अभी तक पूरी तरह से आकलन नहीं हो पाया है। इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यह निर्धारित करने में हफ्तों लग सकते हैं कि वैरिएंट कितना संक्रामक है। डब्लुएचओ ने कहा है- क्या यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है और इसके खिलाफ कितने प्रभावी उपचार और टीके हैं, इसका पता लगाने में भी हफ्तों लग सकते हैं।
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इसके साथ ही डब्लुएचओ ने चेतावनी दी है कि यह अगले कुछ महीनों में यूरोप के आधे से अधिक कोरोना के मामलों का कारण बन सकता है। इस बीच खबर है कि अमेरिका में इस वैरिएंट के दो मामले दर्ज किए गए हैं। पहले मामला कैलिफोर्निया में मिला थी। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को बताया कि सिडनी में तीन छात्र इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। उधर नॉर्वे में अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते ओस्लो में एक कार्यालय में क्रिसमस पार्टी के बाद कम से कम 13 लोगों में कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला है। मलेशिया में भी 19 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से आने वाले एक विदेशी छात्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलने की सूचना दी है, जबकि श्रीलंका में भी इस तरह का एक मामला पाया गया है।
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