नई दिल्ली। चीन की घुसपैठ की कोशिश और भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प मसले पर चर्चा नहीं कराने के सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्ष की 12 पार्टियों के इस प्रदर्शन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं। संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने प्रदर्शन किया और इस विषय पर चर्चा कराने की मांग की।
इससे पहले कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी की संसदीय दल की बैठक में सीमा पर चीन के कथित अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए उस पर चिंता जताई। उन्होंने बुधवार को कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय पर सरकार द्वारा संसद में चर्चा कराने से इनकार करना लोकतंत्र का अनादर है और इससे उसकी नीयत पता चलती है। संसदीय दल की बैठक में उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि महत्वपूर्ण विषयों पर चुप्पी साध लेना इस सरकार की पहचान बन गई है।
सोनिया गांधी ने कहा कि पूरा देश भारतीय जवानों के साथ खड़ा है, लेकिन सरकार के रुख के कारण राजनीतिक दलों और जनता को वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है। पार्टी संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस सांसद शामिल हुए। बैठक में सोनिया ने कहा- चीन का हमारी सीमा पर लगातार अतिक्रमण करना गंभीर का चिंता का विषय है। पूरा देश हमारे उन सजग जवानों के साथ खड़ा है, जिन्होंने चीन के हमलों को मुश्किल हालात में विफल किया है। सरकार इस पर संसद में चर्चा कराने से इनकार कर रही है। इसका नतीजा यह है कि राजनीतिक दल और जनता वास्तविक जमीनी स्थिति नहीं जानते हैं।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा- जब बड़ी राष्ट्रीय चुनौती आती है तो संसद को विश्वास में लेने की परंपरा रही है। चर्चा से कई महत्वपूर्ण सवालों पर प्रकाश डाला जा सकता है। उन्होंने कहा- गंभीर राष्ट्रीय चिंता के विषय पर चर्चा से इनकार करना लोकतंत्र के प्रति अनादर और सरकार की नीयत को दर्शाता है। सोनिया ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का जिक्र करते हुए कहा- राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा गर्व का विषय है।