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जस्टिस नजीर को राज्यपाल बनाए जाने का विरोध

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। देश की सबसे बड़ी विपक्ष पार्टी कांग्रेस सहित तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी आदि ने विरोध किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि इससे न्यायपालिका कमजोर होगी। स्वतंत्र कानूनी विशेषज्ञों ने भी इस पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि अधिकारियों की तरह जजों की नियुक्ति के बाद भी इस तरह का पद स्वीकार करने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड होना चाहिए।

गौरतलब है कि जस्टिस एस अब्दुल नजीर अयोध्या राम मंदिर मामले में एकमत से फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे। पिछले दिनों नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराने वाली बेंच के प्रमुख जस्टिस नजीर थे। बहरहाल, उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के दिग्गज रहे दिवंगद अरुण जेटली के एक भाषण का वीडियो ट्विट किया है, जिसमें वे रिटायर होने के बाद जजों की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने नजीर की नियु्क्ति को लेकर कथित मोदी-अदानी संबंध का जिक्र करते हुए तंज किया। उन्होंने ट्विट किया- मोदी अडानी के लिए काम करते हैं, कुछ ऐसे लोग हैं जो मोदी के लिए काम करते हैं और अब राज्यपाल हैं। फिर लोगों के लिए कौन काम करता है? भारत माता की जय! समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एमआईएम आदि ने भी जस्टिस नजीर की नियुक्ति पर नाराजगी जताई है। समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के भविष्य के लिए सरकार की ओर से बनाई जा रही परंपरा बहुत गलत है।

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