नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के समापन के दिन गुरुवार को विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने तिरंगा मार्च निकाला। विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संसद भवन परिसर से विजय चौक तक तिरंगा मार्च निकाला। हालांकि पहले उनकी योजना कांस्टीट्यूशन क्लब तक मार्च निकालने की थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों के तिरंगा मार्च को देखते हुए विजय चौक छावनी में बदल दिया गया थी। दिल्ली पुलिस के साथ साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए थे।
बहरहाल, विपक्षी पार्टियों के मार्च के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा- मोदी सरकार लोकतंत्र के बारे में बहुत कहती है, पर उसके तहत चलती नहीं है। 50 लाख करोड़ का बजट 12 मिनट में पास किया गया। कहते हैं विपक्ष की रूचि नहीं। लेकिन जब कभी हम बोलने के लिए उठते थे तो वह बोलने नही देते थे. खड़गे ने कहा- हमारे जेपीसी की मांग भी ठुकरा दी। हमारा सवाल है आप जेपीसी बनाने से क्यों डर रहे हैं?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए राहुल गांधी माफी मांगों का मुद्दा लेकर आए। पीएम खुद सदन में नहीं रहते हैं। इस दौरान दौरे पर रहते हैं। प्रचार में जाते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि संसद सत्र के आखिरी दिन लोकसभा स्पीकर की तरफ से आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में भी विपक्ष की 13 पार्टियां शामिल नहीं हुईं। विपक्ष की ओर से तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी चाय पार्टी में शामिल हुईं।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले बुधवार को तय किया था कि वे तिरंगा मार्च निकालेंगे और साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। असल में संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में 13 मार्च से लेकर आखिरी दिन छह अप्रैल तक विपक्षी पार्टियां लगातार आंदोलन करती रहीं। अदानी समूह की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग सभी पार्टियों की थी तो कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे थे।