Padma Sachdev death : पद्मश्री से सम्मानित डोगरी लेखिका पद्मा सचदेव का निधन हो गया। साहित्य अकादमी ने डोगरी कवयित्री, उपन्यासकार एवं साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्य पद्मा सचदेव के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सचदेवा की याद में अकादमी के सभाकक्ष में बुधवार को शोक सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर साहित्य अकादमी के सचिव के। श्रीनिवास राव ने कहा कि अपनी विलक्षण रचनात्मकता के के करण वह डोगरी एवं हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय धरोहर बनी रहेंगी। साहित्य अकादमी सचदेव के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उनके निधन से साहित्य जगत को बड़ी क्षति हुई है।
Padma Sachdev death : उल्लेखनीय है कि सचदेव डोगरी भाषा की प्रथम आधुनिक कवयित्री थीं, जो हिंदी में भी लिखती थीं। जम्मू-कश्मीर के संस्कृत विद्वानों के परिवार में 1940 में जन्मी सचदेव ने लोककथाओं और लोकगीतों की समृद्ध वाचिक परंपरा से प्रेरित होकर कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। उनका पहला कविता संग्रह मेरी कविता मेरे गीत 1969 में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक के लिए उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया था।
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पद्मा सचदेवा के साहित्य में भारतीय स्त्री के हर्ष और विषाद, विभिन्न मनोभावों और विपदाओं को स्थान मिला है। वह निरंतर अपनी भाषा, वर्तमान घटनाओं, त्योहारों तथा भारतीय स्त्री की समस्याओं जैसे ज्वलंत विषयों पर समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में लिखती रहीं थीं। उन्होंने डोगरी में आठ कविता-संग्रह, तीन गद्य की पुस्तकें तथा हिंदी में 19 कृतियों की रचना की हैं। इसके अलावा उनकी 11 अनूदित कृतियाँ भी प्रकाशित हैं, जिनमें उन्होंने डोगरी से हिंदी, हिंदी से डोगरी, पंजाबी से हिंदी, हिंदी से पंजाबी, अंग्रेज़ी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेजी में भी परस्पर अनुवाद किया है। उनकीं अनेक कहानियों को टेलीविजन धारावाहिकों तथा लघु फिल्मों में रूपांतरित किया गया है तथा उनके हिंदी और डोगरी गीतों को व्यवासयिक हिंदी सिनेमा ने भी इस्तेमाल किया।
पद्मा सचदेव को साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कविता के लिए कबीर सम्मान, सरस्वती सम्मान, जम्मू-कश्मीर अकादमी का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार तथा भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सहित कई पुरस्कार से नवाजा गया था।
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पद्मश्री से सम्मानित पद्मा सचदेव का निधन, भारतीय साहित्य अकादमी ने जताया शोक
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