
तेल अवीव। इजराइल में संसद भंग कर दी गई है। एक स्पेशल बिल पास किया गया है, जिससे नए चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। तमाम पार्टियां नए चुनाव का समर्थन कर चुकी हैं। एक नवंबर को नए चुनाव होंगे। 2019 से 2022 के बीच तीन साल में यह पांचवां चुनाव होगा। नफ्टाली बेनेट सरकार में नंबर दो रहे येर लैपिड को केयरटेकर सरकार की जिम्मेदारी दी गई है।
कुछ दिन पहले ये माना जा रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समर्थन जुटाकर फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने भी तय कर लिया कि नए चुनाव कराना ही बेहतर होगा। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेनेट को सत्ता इसलिए गंवानी पड़ी, क्योंकि वो नेतन्याहू के तरह गठबंधन चलाना नहीं जानते थे। बेनेट की सरकार ऐसे वक्त गिरी जब ईरान की तरफ से इजराइल को गंभीर नतीजों की धमकी दी है।
अब बेनेट सरकार में फॉरेन मिनिस्टर रहे येर लैपिड कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उनके पास एक चुने हुए प्रधानमंत्री वाली शक्तियां नहीं होंगे। इजराइली मीडिया की खबरों के मुताबिक, चुनाव इसी साल 25 अक्टूबर से एक नवंबर को हो सकते हैं। माना ये जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी सत्ता में वापसी कर सकती है। हालांकि, उसे अकेले के दम पर स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना कम है।