नई दिल्ली। तवांग में चीन की घुसपैठ की कोशिश और सैनिकों के साथ हुई झड़प के मसले पर एकजुट विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला किया और संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। विपक्षी पार्टियों ने इस मसले पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए साझा रणनीति भी बनाई। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बुधवार को संसद भवन परिसर में मुलाकात की और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार को घेरने का फैसला किया।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए संसद के दोनों सदनों में काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस मसले पर संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें 17 दलों के नेता शामिल हुए। कांग्रेस की सहयोगी राजद और जदयू ही नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और केसीआर की भारत राष्ट्र समिति ने भी इसमें शिरकत की।
तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन लोकसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा की मांग रहा था। बुधवार को जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में भारत-चीन युद्ध पर लोकसभा में चर्चा की अनुमति दी थी। हालांकि इसका कोई असर नहीं हुआ और चर्चा की मंजूरी नहीं मिली तो विपक्षी सांसदों ने सदन से वाकआउट किया।
चीन मसले पर विपक्ष का हंगामा
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