Pegasus case french government पेरिस। इजराइल के सॉफ्टवेयर पेगासस से जासूसी किए जाने के मामले में पहली बड़ी जांच शुरू हो गई है। फ्रांस सरकार ने पेगासस के जरिए अपने देश के पत्रकारों की जासूसी की जांच शुरू कर दी है। मोरक्को की खुफिया एजेंसियों पर आरोप है कि उसने पेगासस के जरिए फ्रांस के पत्रकारों की जासूसी कराई। फ्रांस सरकार निजता के उल्लंघन, निजी इलेक्ट्रिक डिवाइस में धोखेबाजी से दाखिल होने और आपराधिक साजिश के आरोपों की जांच करवा रही है। इस संबंध में इन्वेस्टिगेटिव वेबसाइट मीडिया पार्ट ने कानूनी शिकायत दर्ज कराई है।
Read also Pegasus hacking : पाकिस्तान ने भारत पर लगाया आरोप, जासूसी का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की धमकी
हालांकि, मोरक्को ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। मीडिया पार्ट ने खुलासा किया कि उसके फाउंडर एड्वी प्लेनेल और उनके एक पत्रकार को मोरक्को की इंटेलीजेंस एजेंसियों ने टारगेट बनाया। इसके अलावा ले मोंडे और एएफपी के पत्रकार भी टारगेट लिस्ट में शामिल थे। हालांकि, मोरक्को सरकार ने कहा कि उसने कभी भी कम्युनिकेशन डिवाइस में घुसपैठ के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं किया।
गौरतलब है कि ‘वॉशिंगटन पोस्ट’, ‘द गार्जियन’, ‘ले मोंडे’ और दूसरे मीडिया हाउस ने लीक हुए 50 हजार फोन नंबरों की सूची के आधार पर दावा किया था कि इजरायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए गए पेगासस स्पाईवेयर के जरिए 180 से ज्यादा पत्रकारों और संपादकों की जासूसी की गई। करीब 16 मीडिया समूहों की साझा पड़ताल के बाद इस बात का दावा किया गया। इन देशों में भारत भी शामिल है, जहां सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने वाले पत्रकार निगरानी के दायरे में थे।
Read also बेजोस भी कर आए अंतरिक्ष यात्रा, भारत की संजल गवांडे भी थी साथ
ये भी पढ़ें:- Punjab सरकार का ऐलान, 26 जुलाई से 10वीं से 12वीं तक के खुलेंगे स्कूल
भारतीय न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों की जासूसी की गई है उनमें तीन सौ भारतीय लोगों के नाम शामिल हैं। इनमें 40 पत्रकारों के अलावा कई विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, अधिकारियों, जजों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं। जासूसी के लिए इजराइली कंपनी द्वारा बनाए गए स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया है। Pegasus case french government .
Tags :investigation