ताजा पोस्ट

संविधान बचाने के लिए पहली बार सड़कों पर उतरे लोग : अधीर

ByNI Desk,
Share
संविधान बचाने के लिए पहली बार सड़कों पर उतरे लोग : अधीर
नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा में कहा कि सरकार देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने की साजिश रच रही है इसलिए सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोग संविधान बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ऐसे कानून लेकर आयी है जिससे लोगों को संविधान बचाने की चिंता होने लगी है और सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इस देश की आजादी में सभी धर्मों और समुदायों के लोगों ने शहादत दी है लेकिन जिन लोगों की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं रही वही आज आगे बढकर लंबी चौड़ी बाते कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का वहीं इस्तेमाल करते हैं जहां उनको फायदा मिलता है। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में सत्ताधारी दल को गांधी से प्रेम है तो उनकी हत्या करने वालों को हत्यारा कहना चाहिए।
इसे भी पढ़ें :- सरकार को ईपीएफओ से जुड़ी पेंशन में बढ़ोतरी करनी चाहिए : तिरुचि
उन्होंने कहा कि गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी, महंगाई जैसे तमाम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सरकार नागरिकता संशोधन कानून लेकर आयी। इसके साथ ही राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के मुद्देे पर सरकार के मंत्रियों के अलग अलग बयान और फिर प्रधानमंत्री का यह कहना कि एनआरसी के मुद्दे पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई। एक तरफ गृहमंत्री अमित शाह देश के लोगों को एनआरसी की क्रोनोलोजी समझा रहे हैं जबकि दूसरी तरफ श्री मोदी अलग बात कर रहे है। इससे बड़ी संशय की स्थिति आ गयी कि किसके बात पर भरोसा किया जाए।  चौधरी ने कहा कि सरकार नया इंडिया बनाने के नाम पर देश में ध्रुवीकरण, दलितों पर अत्याचार, गरीबी को बढावा, मॉब लिंचिंग और धार्मिक उत्पीड़न को बढाया जा रहा है। सरकार देश को विभाजित करके वोट बैंक की राजनीति कर रही है। उनका नया भारत बनाने की मंशा सिर्फ दिखावा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के शासन में देश हर क्षेत्र में पीछे गया है। लोकतंत्र की रैंकिंग में दस पायदान नीचे गया है जबकि वैश्विक हंगर इंडेक्स में 117 देशों की सूची में 102 स्थान पर आ गया है। इसी प्रकार हैप्पीनेस इंडेक्स में सात अंक नीचे गिरा है।
Published

और पढ़ें