शंघाई। कोरोना वायरस के बढ़ते केसेज को रोकने के लिए शंघाई में लगाए गए लॉकडाउन से चीन के नागरिकों ने जबरदस्त नाराजगी जताई है। उन्होंने लॉकडाउन के तरीके पर सवाल उठाया है। ध्यान रहे ढाई करोड़ से ज्यादा आबादी वाले शंघाई में अब तक के सबसे बड़े कोरोना विस्फोट के चलते पिछले 22 दिनों से लॉकडाउन लगा हुआ है। इसके तहत यहां कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिसकी वजह से यहां खाने और दवाओं की कमी हो गई है।
लॉकडाउन में जरूरी चीजों के लिए परेशान लोग शुक्रवार की देर रात को सड़क पर निकल गए। लॉकडाउन के आदेशों को तोड़ कर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और लोगों ने सप्लाई प्वाइंट पर वितरण के लिए रखे गए खाने के बक्से लूट लिए। लॉकडाउन की वजह से लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक खाने-पीने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। सख्ती की वजह से लोग अपने घरों से बाहर कदम भी नहीं रख सकते। जीरो कोविड पॉलिसी के तहत चीन में कड़े कोरोना प्रोटोकाल लागू किए गए हैं।
ध्यान रहे चीन में होम क्वरैंटाइन की सुविधा नहीं है। यहां मरीज को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी होता है। चीन में होम आइसोलेशन या क्वारैंटाइन की मनाही है। छोटे बच्चों को भी कोरोना होने पर उनके माता-पिता से अलग कर अस्पतालों में भर्ती करा दिया जाता है। इसे लेकर लोगों में बहुत गुस्सा है। देश की आर्थिक राजधानी शंघाई में लॉकडाउन इतना सख्त है कि कर्मचारियों को उनके दफ्तरों में रखा जा रहा है। उन्हें घर जाने की भी इजाजत नहीं है। करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी दफ्तरों में ही रह रहे हैं।