गांधीनगर। गुजरात का तीन दिन का दौरा करने के 10 दिन के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर एक बार गुजरात पहुंचे और बुधवार को उन्होंने डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर इशारों इशारों में तंज किया। उन्होंने नेहरू का नाम लिए बगैर कहा कि पहले हम कबूतर छोड़ते थे और हम चीतों को छोड़ते हैं। ध्यान रहे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू शांति और सद्भावना के प्रतीक कबूतर उड़ाते थे और प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए चीतों को छोड़ा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय रक्षा बलों का देश में बने अधिकतर उपकरणों को खरीदने का निर्णय आत्मनिर्भर भारत की क्षमता को दिखाता है। उन्होंने कहा- देश बहुत आगे निकल गया है क्योंकि पहले हम कबूतर छोड़ते थे और अब हम चीतों को छोड़ते हैं। मोदी ने कहा कि विश्व स्तर पर रक्षा क्षेत्र में कुछ निर्माण कंपनियों के एकाधिकार के बावजूद भारत ने अपना स्थान बनाया है। उन्होंने डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह भारत में निर्मित रक्षा सामग्री पर बढ़ते विश्वास का भी प्रतीक है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत से रक्षा निर्यात 2021-22 में करीब 13 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया और आने वाले समय में हमने इसे 40 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कार्यक्रम में मोदी ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में एक नए हवाईअड्डे की आधारशिला भी रखी और कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी केंद्र के रूप में उभरेगा।
नरेंद्र मोदी ने समुद्री सुरक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरी है। मोदी ने कहा कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में भविष्य के अवसरों को देखते हुए अपनी तैयारियां भी बढ़ानी होंगी। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भागीदारी समावेशी है। मोदी ने कहा- आज अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक कारोबार तक, समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा- भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ी हैं और मैं वैश्विक समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत इन्हें पूरा करेगा। इसलिए यह डिफेंस एक्सपो भारत के प्रति वैश्विक भरोसे का भी प्रतीक है।