कोलकाता। लोकसभा का चुनाव जीत कर दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी शनिवार को पहली बार पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं। दो दिन के इस दौरे में उनके कई कार्यक्रम तय है पर सबकी नजर इस बात पर होगी कि नागरिकता कानून पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ मंच साझा करती हैं या नहीं। वैसे दोनों का एक मंच पर रहने का कार्यक्रम तय है। गौरतलब है कि राज्य सरकार का राज्यपाल के साथ भी लगातार टकराव चल रहा है।
ममता को लेकर ज्यादा कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं कि पिछले दो-तीन दिन से उन्होंने भाजपा से ज्यादा कांग्रेस और सीपीएम के खिलाफ हमलावर तेवर अख्तियार किए हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बुलाई विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल होने से भी इनकार कर दिया है। उनके इस कदम की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी तारीफ की है। तो दूसरी ओर कांग्रेस और लेफ्ट के प्रदेश नेताओं ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की बी टीम करार दिया है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ममता को न्योता दिया गया है। केंद्रीय जहाज रानी मंत्री मनसुख लाल मांडविया ने राज्य सचिवालय नवान्न जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया है। मोदी शनिवार शाम को विशेष विमान से कोलकाता पहुंचेंगे।
वे हावड़ा ब्रिज के नए लाइट एंड साउंड सिस्टम के उद्घाटन और बेलूर मठ जाने के बाद राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। राजभवन में मोदी से ममता की मुलाकात संभव है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया है और इसमें ममता बनर्जी को आमंत्रण भेजा गया है।
अपनी यात्रा के दूसरे दिन रविवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की डेढ़ सौवीं वर्षगांठ के मौके कार्यक्रम है। इसमें प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री और राज्यपाल के मौजूद रहने की संभावना है। हालांकि मोदी के साथ ममता बनर्जी के मंच साझा करने के सवाल पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने चुप्पी साधी है। अभी तक तृणमूल ने आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं दी है।