प्रयागराज। भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध स्थितयों में मौत हो गई है। उनका शव अल्लापुर में बाघंबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला। कमरा अंदर से बंद था। पुलिस के मुताबिक पहली नजर में यह खुदकुशी का मामला लग रहा है। पुलिस ने बताया है कि नरेंद्र गिरि के कमरे से सात पन्नों का एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि और एक अन्य शिष्य पर आरोप लगाए हैं। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की मदद से आनंद गिरि को हरिद्वार में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। mahant narendra giri death
घटना की सूचना मिलने के बाद मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु पहुंच गए। गौरतलब है कि एक दिन पहले रविवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में थे। तब उन्होंने मंदिर जाकर महंत नरेंद्र गिरि से आशीर्वाद लिया था। महंत नरेंद्र गिरि पिछले करीब दो दशक से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखते थे। कुछ समय से उनका अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद चल रहा था। आनंद गिरि ने उनके ऊपर मठ की जमीन बेचने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन बाद में इनके बीच समझौता हो गया था। समझौता होने पर हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद गिरि अपने गुरु स्वामी नरेंद्र गिरि के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली थी। आनंद ने कहा था- मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। मेरे द्वारा सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों पर जो भी बयान जारी किए गए उसे मैं वापस लेता हूं।
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समझौते के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने भी आनंद गिरि पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते हुए उन्हें माफ कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद इस विवाद पर विराम लग गया था। इसके बाद गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरि अखाड़े में अपने गुरु की पूजा कर सके थे। अखाड़े और मठ में आनंद गिरि के प्रवेश पर लगाई गई रोक हटा दी थी। इससे पहले 14 मई 2021 को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने आनंद गिरि को अखाड़े और बाघंबरी गद्दी से बाहर कर दिया था।
महंत नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया था कि बड़े हनुमान मंदिर पर आने वाले दान-चढ़ावे में से आनंद गिरि धन अपने परिवार पर खर्च कर रहे हैं। अखाड़े से बाहर होने के बाद आनंद गिरि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था और अपने गुरु नरेंद्र गिरि पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें सबसे गंभीर आरोप मठ की करोड़ों रुपए की जमीनों को बेचने और उन रुपयों का दुरुपयोग करने का था। आनंद ने कहा था कि उनके गुरु नरेंद्र के कई बड़े और महंगे शौक हैं। इन शौक को पूरा करने के लिए नरेंद्र गिरि मठ के धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। मठ के कई सेवादारों के परिवारों पर भी करोड़ों रुपया खर्च करने का भी आरोप लगाया था।
महंत नरेंद्र गिरि की ‘खुदकुशी’ से मौत
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