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मप्र में अब 'गद्दार' बनाम 'खुद्दार' पर तकरार

ByNI Desk,
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मप्र में अब 'गद्दार' बनाम 'खुद्दार' पर तकरार
भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के लिए पार्टियों की चल रही तैयारियों के बीच अब 'गद्दार बनाम खुद्दार' मुद्दा भी उठने लगा। वैसे, कांग्रेस तो शुरू से ही सत्ताधारी दल पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है, जबकि दूसरी ओर भाजपा, कांग्रेस छोड़ने वाले तत्कालीन विधायकों का बचाव कर रही है। राज्य में आगामी समय में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से 25 स्थान वे हैं, जहां के तत्कालीन कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं और इन सभी को भाजपा उम्मीदवार बनाने वाली है। उपचुनाव की तैयारियों के बीच पार्टियों के एक-दूसरे पर हमले लगातार जारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह खुले तौर पर कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों पर सौदेबाजी का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि एक-एक कांग्रेस विधायक का 35 करोड़ रुपये में सौदा हुआ है। वहीं कांग्रेस ने 'बिकाऊ के मुकाबले टिकाऊ ' की मुहिम भी चलाई। इतना ही नहीं, कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ भाजपा में शामिल हुए नेताओं को 'गद्दार' की संज्ञा दी जा रही है। कांग्रेस जहां पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को गद्दार करार दे रही है तो वहीं दूसरी ओर, भाजपा उन्हें 'खुद्दार' बता रही है। भाजपा भी दलबदल करने वाले नेताओं के साथ पूरी तरह खड़ी नजर आ रही है। यही कारण है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा कहते हैं कि लोग सरपंच का पद नहीं छोड़ते, इन्होंने विधायकी छोड़ी है। ये जनता के विकास और प्रदेश को बचाने के लिए कांग्रेस छोड़कर आए हैं। उन्होंने अपने विधायक पद की भी चिंता नहीं की। यह बड़ा त्याग है।
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