rahul gandhi opposition march नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा में सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे सांसदों की पिटाई कराई गई है। इसके विरोध में विपक्ष के नेताओं ने गुरुवार को संसद भवन से विजय चौक तक विरोध मार्च भी निकाला। इससे पहले राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में शामिल हुए एनसीपी के शरद पवार ने कहा कि उन्होंने 55 साल के अपने संसदीय अनुभव में ऐसा पहले कभी नहीं देखा कि 40 से ज्यादा मार्शल बुला कर सदन में तैनात कराया जाएं।
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पवार ने कहा कि अपने 55 साल के अनुभव में उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा, जैसा राज्यसभा में हुआ। उन्होंने कहा कि उच्च सदन में 40 के करीब महिला और पुरुष सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया, जिसमें से कुछ बाहर से भी लाए गए थे। पवार ने कहा- यह बहुत तकलीफदेह है और लोकतंत्र पर हमला है। इस बैठक में राहुल गांधी, संजय राउत, मनोज झा आदि विपक्ष नेताओं भी शामिल हुए थे।
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि मंगलवार को महिला सांसदों से बदसलूकी की गई और दूसरे सांसदों के साथ भी धक्कामुक्की हुई। इसके विरोध में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 15 विपक्षी पार्टियों के साथ संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सदन में लोकतंत्र की हत्या की है। राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सदन में सांसदों पर मार्शलों से हमला करवाया गया। राहुल ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब सदन में सांसदों की पिटाई हुई है। कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और फुलोदेवी नेताम ने आरोप लगाया कि पुरुष सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। डीएमके ने भी कहा कि उनकी महिला सांसदों के साथ भी धक्कामुक्की और मारपीट की गई।
सुरक्षा अधिकारियों ने दी सफाई
विपक्ष के आरोपों के बाद गुरुवार को संसद की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों के बयान आए। उन्होंने उलटे विपक्ष पर आरोप लगाया और कहा कि सांसदों आक्रामक हो रहे थे। सरकार के मंत्रियों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों को दोहराते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि सांसदों का बरताव बेहद आक्रामक था। सुरक्षा अधिकारी अक्षिता भट ने बताया कि कुछ पुरुष सांसद जो प्रदर्शन में शामिल थे, वे उनकी तरफ दौड़े और सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा- जब मैंने इसका विरोध किया, तो सांसद छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम एक तरफ हट गईं और पुरुष सांसदों को वेल तक पहुंचने का का रास्ता दिया। अक्षिता ने कहा कि दोनों महिला सांसदों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने में साथी पुरुष सांसदों की मदद की। उन्होंने जबरदस्ती मेरी बांहें पकड़ ली और मुझे घसीटा।
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आधा दर्जन मंत्रियों ने दिया जवाब
राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी सांसदों के साथ मारपीट किए जाने के आरोप लगने के बाद केंद्र सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री एक साथ बचाव में उतरे। मंत्रियों के समूह ने साझा प्रेस कांफ्रेंस करके विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया और मॉनसून सत्र में संसद नहीं चल पाने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रियों ने आरोप लगाया कि विपक्ष की किसी भी मसले पर चर्चा करने में कोई रूचि नहीं थी। सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष के सांसदों पर ही हिंसक व्यवहार करने का आरोप लगाया और इसे भारत के संसदीय इतिहास के लिए शर्मनाक बताया।
सदन में सांसदों की पिटाई?
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