नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगातार दूसरे दिन कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया। बाद में कांग्रेस नेताओं का एक दल राष्ट्रपति से भी मिलने गया। सोमवार को हुए प्रदर्शन में कांग्रेस के दोनों मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत और भूपेश बघेल भी शामिल थे। इससे पहले रविवार को हुए धरने में प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुए थीं।
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की टीम ने पिछले हफ्ते तीन दिन तक राहुल गांधी से पूछताछ की थी। तभी से कांग्रेस नेता दिल्ली में और देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन कर रहे हैं। अब कांग्रेस ने ईडी से पूछताछ का विरोध करने के साथ साथ सेना में भर्ती के नए नियमों का विरोध भी जोड़ दिया। इन दोनों बातों के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली में प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर के अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के कनॉट प्लेस और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया। कई जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस का दावा है कि उसके हजारों कार्यकर्ताओं को दिल्ली की सीमा पर रोक दिया गया और उनको दिल्ली में नहीं घुसने दिया गया।
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ईडी के माध्यम से मुख्य विपक्षी पार्टी और उसके पूर्व अध्यक्ष पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। माकन ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपनी इस योजना से देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत बिपिन रावत का अपमान कर रही है, जिन्होंने ‘सैनिकों की सेवानिवृत्त होने की आयु 58 साल किए जाने का प्रस्ताव दिया था।
कांग्रेस ने राहुल से ईडी की पूछताछ और अग्निपथ योजना के विरोध के मुद्दों को लेकर जंतर-मंतर पर सत्याग्रह किया, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए। बाद में कांग्रेस के सात नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल इन्हीं दो मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिला।
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