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राहुल ने उठाई कश्मीर पंडितों की बात

जम्मू। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में सोमवार को राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों की बात उठाई। उन्होंने कहा कि पंडितों की बात नहीं सुनी जा रही है। राहुल ने कहा कि कश्मीरी पंडित भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं। सतवारी में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उप राज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों की बात नहीं सुनी है। इससे पहले यात्रा के दौरान रास्ते में वे कश्मीरी पंडितों के एक समूह से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं।

सोमवार को राहुल की यात्रा जम्मू कश्मीर के सांबा के विजयपुर से शुरू हुई। दोपहर में राहुल ने सतवारी में एक जनसभा को संबोधित किया। जनसभा के बाद वे जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर में माथा टेकने पहुंचे। उन्होंने वहां पूजा अर्चना की और मंदिर में लोगों के साथ ही पुजारियों का हाल जाना। इससे पहले जम्मू के सतवारी में जनसभा के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की और कहा कि देश को रोजगार सिर्फ छोटे व्यापारी और लघु और मध्यम व्यवसाय ही दे सकते हैं, दो-तीन बड़े उद्योगपति नहीं, इसलिए भारत में बेरोज़गारी फैल रही है।

राहुल ने कहा- हिंदुस्तान का पूरा का पूरा धन दो-तीन उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है। पूरा कारोबार देश के कुछ उद्योगपति चला रहे हैं। नोटबंदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा- इससे काला धन नहीं मिट सका। नोटबंदी कर छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचाया गया। छोटे कारोबारी ही रोजगार पैदा कर सकते है।

राज्य का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा- जम्मू कश्मीर में गरीबों से उनकी जमीन छीनी जा रही है। कश्मीरी पंडितों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा- उप राज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों की बात को सही तरीके से नहीं सुना। वह भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को बाहर के लोग चला रहे हैं। प्रदेश के लोगों की आवाज को प्रशासन नहीं सुनता है।

राहुल ने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनाकर जम्मू कश्मीर के लोगों का पूरा हक छीन लिया गया। कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो इस फिर से प्रदेश का दर्जा बहाल किया जाएगा। इससे पहले विजयपुर से शुरू हुई यात्रा के दौरान राहुल गांधी रास्ते में जमीदारा ढाबे पर कश्मीरी पंडितों के शिष्टमंडल से मिले। उन्होंने कश्मीरी पंडितों की समस्याओं और अन्य चीजों के बारे में जानकारी ली।

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