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राहुल अपनी बात पर कायम

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने विशेषाधिकार हनन के मामले में लोकसभा सचिवालय की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने बुधवार को लोकसभा सचिवालय को जवाब भेजा। राहुल गांधी ने इसमें लिखा है कि वे अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदानी के संबंधों को लेकर जो कुछ भी कहा था वह सही है और वे अपनी बात पर कायम हैं।

असल में भाजपा नेताओं की शिकायत पर लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा था और 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा था। अपने जवाब में राहुल ने लोकसभा में दिए अपने बयान को सही ठहराया। इसके लिए उन्होंने अलग अलग कानूनों का हवाला दिया है।  साथ ही राहुल गांधी ने पहले हुई बहसों के उदाहरण भी दिए हैं और उनके आधार पर अपने भाषण को सही ठहराया है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सात फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अदानी समूह की कथित गड़बड़ियों को लेकर आई हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर मोदी और अदानी के संबंधों का जिक्र किया था। बाद में इन्हें स्पीकर ने उनके भाषण से इसे हटा दिया था। हालांकि इसे लेकर भी कांग्रेस की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी और कहा गया था कि राहुल ने कोई असंसदीय बात नहीं कही थी। बाद में राहुल गांधी ने अपने चुनाव क्षेत्र वायनाड की एक रैली में भी कहा था कि उन्होंने कोई असंसदीय बात नहीं कही थी और न किसी का अपमान किया था। राहुल ने कहा था कि उन्होंने संसद के पटल पर सिर्फ कुछ तथ्य रखे थे।

बहरहाल, सात फरवरी को दिए राहुल के भाषण को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार का नोटिस दिया था। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल को 10 फरवरी को नोटिस जारी कर 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा था। असल में राहुल ने सात फरवरी को एक तस्वीर सदन में दिखाई थी, इसमें मोदी और गौतम अडाणी नजर आ रहे थे। भाजपा सांसदों ने इसका विरोध किया था।

लोकसभा सचिवालय से नोटिस मिलने के बाद राहुल गांधी ने पिछले सोमवार यानी 13 फरवरी को केरल के वायनाड में एक सभा में भाषण देते हुए लोकसभा से अपने बयान के कुछ हिस्से हटाए जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था- इस देश में हर किसी के लिए संसद की कार्यवाही देखना, देश में क्या हो रहा है यह जानना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री और अदानी के बीच साठगांठ को समझना इंपॉर्टेंट है। राहुल ने कहा- कुछ दिन पहले मैंने संसद में हमारे प्रधानमंत्री और अदानी के रिश्ते के बारे में भाषण दिया था। मैंने बेहद विनम्र और सम्मानजनक ढंग से अपनी बात रखी। मैंने किसी भी तरह की खराब भाषा का इस्तेमाल नहीं किया, ना किसी को अपशब्द कहे, मैंने केवल कुछ तथ्यों को उठाया।

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