वायनाड। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की सरकार पर जनजातीय समुदायों को जंगलों तक सीमित करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होने सकहा कि‘आदिवासी’ की जगह ‘वनवासी’ कहकर उन्हें भूखंडों के मूल स्वामित्व के दर्जे से वंचित करने का रविवार को आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले राजस्थान की एक रैली में भी यह मामला उठाया था। उन्होंने राजस्थान में कहा था कि भाजपा जनजातीय समुदायों को आदिवासी की जगह ‘वनवासी’ कहकर उनका ‘अपमान’ करती है और उनकी वन भूमि छीनकर उद्योगपतियों को देती है।
उन्होने कहा आदिवासियों को वनवासी कहने के पीछे एक ‘विकृत तर्क’ दिया जाता है। ‘‘यह आपको (आदिवासियों को) जमीन के मूल मालिक के अधिकार से वंचित करता है और इसका मकसद आपको जंगल तक ही सीमित रखना है।’’ यह देश के साथ उनके रिश्ते पर एक ‘हमला’ है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारे (कांग्रेस के) लिए आप आदिवासी हैं, भूमि के मूल मालिक हैं।’’गांधी ने कहा कि चूंकि आदिवासी भूमि के मूल मालिक हैं, उन्हें भूमि एवं वन संबंधी अधिकार दिए जाने चाहिए और ‘‘वे जो चाहें, उन्हें वह करने की कल्पना करने की अनुमति दी जानी’’ चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन समुदायों को शिक्षा, नौकरियों, पेशों इत्यादि में वे सभी अवसर दिए जाने चाहिए, जो देश में हरेक को दिए जाते हैं।
गांधी ने कहा, ‘‘आपको (जनजातीय समुदायों को) सीमित या वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। पूरा ग्रह आपके लिए खुला होना चाहिए।’’गांधी ने कहा कि आदिवासी शब्द का अर्थ ‘‘एक विशेष ज्ञान, जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं उसके पर्यावरण की समझ और ग्रह के साथ संबंध से’’ है।