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राजस्थान सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, कावड़ यात्रा पर रोक के साथ धार्मिक आयोजन पर भी पाबंदी

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जयपुर |  राजस्थान में कोरोना के मामले कम होने लगे है। कोरोना की दूसरी लहर हाल ही में होकर गुजरी है। उस समय गहलोत सरकार ने लॉकडाउन संबंधी कुछ पाबंदी लगा रखी थी। लेकिन अब धीरे-धीरे उनमें छूट दी जा रही है। बता दें कि सावन का पवित्र महीने शुरु होने जा रहा है। और इस महीने में प्रसिद्ध कावड़ यात्रा भी होती है। लेकिन लगातार दूसरे साल कावड़ यात्रा पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है। इस पर गहलोत सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कावड़ यात्रा रद्द करने का पैसला लिया है। कावड़ा यात्रा के अलावा सभी धार्मिक यात्राओं, जुलूस एवं मेले में जाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा कोई आयोजन नहीं होगा जहां पर भीड़ एकत्रित हो। मुस्लिम समुदाय को ईद- उल- जुहा पर इक्कठे होकर इबादत करने की अनुमति नहीं होगी। गृह विभाग की गाइडलाइन के अनुसार स्विमिंग पूल खोलने की अनुमति नहीं होगी। ( raj govt new guidlines ) इसके अलावा सार्वजनिक उद्यान सुबह 5:00 से शाम 4:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। जिन व्यक्तियों ने वैक्सीन की प्रथम डोज लगा ली है उन्हें शाम 4:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक सार्वजनिक उद्यान में जाने की अनुमति होगी। साथ ही सरकार यह भी अपील कर रही है कि ज्यादा संख्या में कोरोना वैक्सीनेशन करवाएं। जिससे हम कोरोना को हराने में कामयाब हो सकें।

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उत्तराखंड सरकार ने रद्द की कावड़ यात्रा ( raj govt new guidlines )

प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में राज्य में और राज्य के बाहर से श्रद्धालुओं द्वारा कावड़ यात्राएं आयोजित की जाती है।कावड़ यात्रा श्रावण मास के पहले दिन से ही शुरु हो जाती है। शिवभक्त अलग-अलग राज्य से होते हुए उत्तराखंड पहुंचते है। वहां से पवित्र गंगाजल लाकर अपने अराध्य को अर्पित करते है। कावड़ यात्रा पर उत्तराखंड सरकार ने बड़े ही सोच-विचार के साथ रोक लगा दी है। कावड़ यात्राओं में भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए इस प्रकार की समस्त धार्मिक यात्राओं एवं जुलूस इत्यादि की राज्य में अनुमति नहीं होगी। पिछली बार कुंभ का आयोजन करवाकर हमने कोरोना की दूसरी लहर को आमंत्रित किया था। इस कारण वह गलती पिर से नहीं दोहराई गई।

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चतुर्मास पर्व के आयोजन और ईद-उल-जुहा पर पाबंदी

जैन धर्म और अन्य कई धर्मावलम्बियों द्वारा राज्य के अनेक स्थानों पर चतुर्मास पर्व का आयोजन किया जायेगा। यह आयोजन चार महीने तक चलता है। ( raj govt new guidlines ) इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं। वर्तमान में कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर अत्यधिक भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर भीड़-भाड़ ए आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी। 21 जुलाई को ईद-उल-जुहा का त्यौहार मनाया जायेगा। वर्तमान में कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर अत्यधिक भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर एकत्रित होकर इबादत करने की अनुमति नहीं होगी। पिछले साल मार्च 2020 से किसी भी प्रकार का कोई आयोजन नहीं किया गया है।

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