नई दिल्ली। अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के शेयरों में लगातार हो रही गिरावट और साथ साथ अदानी समूह को कर्ज देने वाले बैंकों में शेयरों में गिरावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई ने पहल की है। आरबीआई ने अदानी समूह को कर्ज देने वालों बैंकों से कर्ज का पूरा ब्योरा मांगा है। केंद्रीय बैंक ने अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को दिए गए कर्ज की पूरी जानकारी मांगी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक आरबीआई के किसी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
इस बीच गुरुवार को भी अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक गुरुवार को ऊपर गया लेकिन अदानी समूह के शेयरों में सात से 27 फीसदी तक की गिरावट हुई। इससे पहले बुधवार को देर रात अदानी समूह ने 20 हजार करोड़ रुपए के पूरी तरह से सबस्क्राइब्ड एफपीओ को रद्द कर निवेशकों का पैसा लौटाने की बात कही थी। इसके बावजूद गुरुवार को शेयर बाजार की गिरावट नहीं थमी। यह भी खबर है कि क्रेडिटसुईस के बाद अब सिटी बैंक ने भी अदानी समूह के शेयरों के बदले मार्जिन लोन देने पर रोक लगा दी है।
बहरहाल, गौतम अडाणी ने एफपीओ रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज दिया, जिसमें उन्होंने निवेशकों का का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा- पिछले हफ्ते स्टॉक में हुए उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के बिजनेस और उसके मैनेजमेंट में आपका भरोसा हमारे लिए आश्वासन देने वाला है। मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। बाकी सब कुछ सेकेंडरी है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है।
गौतम अदानी ने कहा- बोर्ड ने महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। कंपनी की ओर से एक बयान भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया है- भविष्य में होने वाले किसी वित्तीय नुकसान से निवेशकों को बचाने के लिए बोर्ड ने तय किया है कि इस एफपीओ के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। हम अपने लोगों को रिफंड देने के लिए अपने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स के साथ काम कर रहे हैं। कंपनी ने कहा है- हमारी बैलेंस शीट इस समय बहुत मजबूत है। हमारा कैश फ्लो और एसेट सुरक्षित है। साथ ही कर्ज चुकाने का हमारा रिकॉर्ड सही रहा है।