
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में मेडिकल में दाखिले की परीक्षा में परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के लिए आरक्षण को सही बताया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि पीजी और यूजी में दाखिले के लिए ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण संवैधानिक रूप से मान्य होंगे। केंद्र को आरक्षण देने से पहले इस अदालत की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। नीट में ओबीसी आरक्षण देने का केंद्र का फैसला सही है। Reservation NEET supreme court
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की विशेष पीठ ने यूजी और पीजी मेडिकल सीटों में ऑल इंडिया कोटा में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्विट करके सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामाजिक न्याय की ओर उठाया गया कदम सराहनीय है।
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सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि मेरिट के साथ आरक्षण भी दिया जा सकता है। आरक्षण और मेरिट एक दूसरे के विपरीत नहीं है, सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है। बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने मौजूदा सत्र के लिए ईडब्लुएस श्रेणी में आठ लाख सालाना आय का पैमाना बरकरार रखते हुए काउंसिलिंग की अनुमति दी है।