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बिना झूनझूनों का रूटीन बजट!

ByNI Desk,
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बिना झूनझूनों का रूटीन बजट!
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। तभी उम्मीद की जा रही थी कि इस साल के आम बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी और किसानों से लेकर मध्य वर्ग तक के लोगों को राहत देने का ऐलान होगा। लेकिन चुनाव के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूटीन का बिल्कुल सपाट बजट पेश किया है। उन्होंने एक घंटा 31 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा लेकिन इसमें ज्यादातर समय प्रक्रियागत बातों में बीता। उन्होंने किसी बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया और न आय कर में कोई राहत दी गई। Routine budget between elections Read also विपक्ष ने जीरो बजट बताया वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का वित्तीय घाटा जीडीपी के 6.9 फीसदी के बराबर रहेगा। बजट अनुमान में इसे 6.8 फीसदी रखने की बात कही गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में वित्तीय घाटा 6.4 फीसदी रखा जाएगा। उन्होंने सरकार के पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार कुल 10.67 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। यह पिछले साल के 8.40 लाख करोड़ रुपए से करीब सवा दो लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार को उम्मीद है कि इससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। Read also मोबाइल-हीरा सस्ता होगा, छाता महंगा होगा वित्त मंत्री ने राज्यों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त कर्ज के मद में एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है। पिछले बजट में यह राशि 10 हजार करोड़ की थी, जिसे राज्यों के अनुरोध पर बढ़ा कर 15 लाख करोड़ रुपए किया गया था। अगले बजट में इसे एक लाख करोड़ कर दिया गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक लाख करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार के पूंजीगत खर्च के बजट का हिस्सा है या उससे अलग है। Read also पेट्रोल, डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया निर्मला सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए नेचुरल फार्मिंग के साथ साथ यह ऐलान किया कि सरकार अगले साल दो लाख 37 हजार करोड़ रुपए की धान और गेहूं की खरीद करेगी। यह रकम एमएसपी के हिसाब से सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर होगी। हालांकि कृषि के जानकारों का कहना है कि पिछले बजट में एमएसपी पर धान-गेहूं की खरीद का अनुमानित बजट दो लाख 42 हजार करोड़ रुपए का था। इसका मतलब है कि सरकार ने पिछले साल के अनुमानित बजट में दो फीसदी की कमी कर दी है। Read also एक लाख 40 हजार करोड़ का रेल बजट वित्त मंत्री मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को कोई राहत नहीं दी है। आय कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न आय कर स्लैब बदला गया है। उसे जस का तस रखा गया है। हालांकि वित्त मंत्री ने टैक्स रिटर्न में कोई कमी या गड़बड़ी रह जाने पर उसमें सुधार के लिए दो साल का वक्त दिया है। उन्होंने डिजिटल करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया है और साथ ही यह भी कहा है कि उसकी लेन-देन में होने वाले किसी भी नुकसान का भरपाई सरकार नहीं करेगी। वित्त मंत्री सरकार की अपनी डिजिटल करंसी लाने का भी ऐलान किया। Read also रक्षा बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी इस साल के आम बजट में सबसे ज्यादा फोकस डिजिटल आर्थिकी पर रहा। वित्त मंत्री ने शिक्षा के लिए दो सौ चैनल शुरू करने और साथ ही ई-विद्या योजना के तहत डिजिटल कंटेंट तैयार करने की बात कही तो साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए डिजिटल सलाह शुरू करने का भी ऐलान किया। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंक शुरू करने की भी घोषणा की गई।
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