Infosys anti national forces नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य में सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस को देशविरोधी बताने वाली कवर स्टोरी से आरएसएस ने खुद को अलग कर लिया है और कंपनी की तारीफ भी की है। आरएसएस का कहना है कि पांचजन्य में छपी कवर स्टोरी को संघ का विचार नहीं मानना चाहिए, बल्कि यह लेखक के विचार हैं। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर संघ पर हमला किया है। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इसमें नारायण मूर्ति पर निजी रूप से हमला किया गया है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि इंफोसिस ने भारत सरकार का टैक्स पोर्टल तैयार किया है, जिसमें पिछले तीन महीने से लगातार कुछ न कुछ खामी निकल रही है। इसे लेकर पांचजन्य ने इंफोसिस को देश विरोधी बताया है। इसे लेकर जयराम रमेश ने कहा है कि कंपनी के कुछ सम्मानित संस्थापकों पर व्यक्तिगत हमला बिल्कुल निंदनीय है। रमेश ने कहा- यह पूरा मामला अनुचित है। जीएसटी प्लेटफॉर्म या आयकर प्लेटफॉर्म पर इंफोसिस के साथ वित्त मंत्रालय की जो भी समस्याएं हैं, यह वित्त मंत्रालय और इंफोसिस के बीच हैं।
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रमेश ने रविवार को कहा- वास्तव में, लेख राष्ट्र-विरोधी है। मैं व्यक्तिगत रूप से नारायण मूर्ति पर किए गए हमले की निंदा करता हूं। अगर मैं यह बताऊं कि आधुनिक, उद्यमी भारत के तीन या चार निर्माता कौन हैं, तो नारायण मूर्ति शीर्ष पर होंगे। उन पर नक्सलियों, टुकड़े-टुकड़े गैंग, वामपंथी उदारवादियों का समर्थन करने का आरोप पूरी तरह से फर्जी है।
दूसरी ओर आरएसएस ने विवाद शुरू होने के तीन दिन बाद अपने को इस आलेख से अलग कर लिया। आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने ट्विट किया कि लेख में व्यक्त विचार संगठन के नहीं, बल्कि लेखक के हैं। आंबेकर ने कहा- एक भारतीय कंपनी के रूप में, भारत की प्रगति में इंफोसिस का महत्वपूर्ण योगदान है। इंफोसिस द्वारा संचालित पोर्टल के संबंध में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह पांचजन्य के विचार नहीं हैं। उन्होंने कहा- इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।