नई दिल्ली। नाटो के सदस्य देश पोलैंड पर दो मिसाइल गिरने के बाद पैदा हुआ अंतरराष्ट्रीय संकट टल गया है। जांच पड़ताल के बाद नाटो ने एक बयान जारी करके कहा है कि मिसाइल रूस ने नहीं दागी थी। इससे पहले यूक्रेन पर भीषण हमले के बीच दो मिसाइल पोलैंड में गिरी थी, जिससे दो नागरिकों की मौत हो गई थी। इस घटना की सूचना मिलते ही पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। बाली में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ही नाटो की आपात बैठक बुलाई गई। हालांकि सुबह ही जो बाइडेन ने कह दिया था कि उन्हें नहीं लगता है कि हमला रूस ने किया है। रूस ने उनके इस रुख की तारीफ भी की है।
बहरहाल, शुरुआत में पोलैंड में मिसाइल गिरने को लेकर रूस पर आरोप लगाए जा रहे थे, लेकिन बाद में नाटो की ओर से आशंका जताई गई कि पोलैंड में गिरी मिसाइलें यूक्रेन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम की हैं, जो कि रूस की मिसाइलों से बचाव करते वक्त पोलैंड में गिर गईं। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही कहा था कि ऐसा नहीं लगता कि पोलैंड पर हमला रूस की तरफ से किया गया।
इसे लेकर बाद में रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया, जिसमें उसने अमेरिका के धैर्य की तारीफ की गई है। इस बीच नाटो के प्रमुख जेंस स्टोलेनबर्ग ने कहा है कि फिलहाल यह संकेत नहीं मिलते कि पोलैंड पर यह हमला जान बूझकर हुआ था। उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की जांच जारी है और हम इसके नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच के मुताबिक, यह घटना यूक्रेन की एयर डिफेंस मिसाइल की वजह से ही हुई।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि नाटो सदस्य देश पोलैंड के क्षेत्र में जो मिसाइलें गिरीं वह यूक्रेन की थीं। दरअसल, रूसी हमले को रोकने के लिए यूक्रेन ने भी मिसाइलें दागी थीं, जो पोलैंड की सीमा में जाकर गिरीं। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले पोलैंड में मिसाइल गिरने के बाद बाइडेन ने जी-7 देशों और नाटो के सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई थी। बाइडेन ने बैठक के दौरान कहा था- पूर्वी पोलैंड में हुए नुकसान और पोलैंड की ओर से हमले की जांच का हम समर्थन करते हैं।