कीव। यूक्रेन पर रूस के हमले के 38 दिन हो गए हैं। युद्ध के 38वें दिन सुबह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की ने रूसी सेना के पीछे हटने को लेकर अपने देश के लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि राजधानी से पीछे हट रहे रूसी सैनिकों ने उसके बाहरी इलाकों में एक बड़ी आपदा पैदा कर दी है। जेलेंस्की ने कहा कि वे पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें छोड़ गए हैं। यहां तक कि घरों और लाशों के आसपास भी वे बारूदी सुरंगे छोड़ गएं हैं। इस बीच यह भी खबर है कि रूसी सैनिक नागरिकों की ढाल बना कर आगे बढ़ रहे हैं।
खबर है कि रूसी सेना ने कॉरिडोर बना कर लोगों को निकालने के काम में लगातार दूसरे दिन बाधा डाली, जिससे मारियुपोल में मानवीय संकट गहरा गया है। ऊपर से रूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन ने उसकी धरती पर हमला किया और एक ईंधन डिपो पर हेलीकॉप्टर से बम बरसाए। हालांकि यूक्रेन ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है शुक्रवार को दो हेलीकॉप्टरों से रूसी जमीन पर बम गिराए गए।
इसे लेकर मॉस्को के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा- निश्चित रूप से यह एक ऐसी कार्रवाई नहीं है, जिसे दोनों पक्षों के बीच वार्ता जारी रखने के माकूल माना जा सकता है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच शुक्रवार को भी एक दौर की वार्ता हुई और रूस ने कीव के आसपास के क्षेत्रों से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाना जारी रखा। ध्यान रहे मॉस्को ने सोमवार को कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव और उत्तरी शहर चेर्निहीव के पास सैन्य गतिविधियों में कमी लाएगा।
यूक्रेन पर रूस के हमले के 38वें दिन संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने दावा किया है कि रूस के हमलों में अब तक यूक्रेन के 53 ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें 29 धार्मिक स्थल, 16 ऐतिहासिक इमारतें, चार संग्रहालय और चार स्मारक शामिल हैं। इस बीच ओडेसा शहर के रिहायशी इलाके में रूस ने तीन मिलाइलें दागी हैं। गवर्नर मैक्सिम मार्चेंको ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हमले में कई लोगों के घायल होने की आशंका है।
यूक्रेन के एक बड़े अधिकारी ने रूसी सेना पर बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अलेक्जेंडर मोटुज्यानिक ने कहा- दुश्मन अपने काफिले, अपने वाहनों को ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। रूस के सैनिक बच्चों को इसलिए बंधक बना रहे हैं, ताकि उनके माता-पिता यूक्रेनी सैनिकों को दुश्मनों की आवाजाही के बारे में जानकारी न दे सकें।