मॉस्को। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की यूक्रेन यात्रा के एक दिन बाद रूस ने अमेरिका के साथ बची हुई एकमात्र परमाणु संधि को समाप्त कर दिया। उधर चीन ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा पर सवाल उठाया और कहा कि बाइडेन ने यूक्रेन की यात्रा करके आग में घी डालने का काम किया है। बहरहाल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि रूस, अमेरिका के साथ बची इकलौती परमाणु संधि को भी निलंबित कर रहा है, जो दोनों पक्षों के सामरिक परमाणु हथियारों को सीमित करने को लेकर है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध के एक साल पूरा होने से ठीक पहले रूसी संसद में अपने अहम भाषण के बाद सांसदों से कहा- मुझे आज यह घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि सामरिक हथियार संधि में रूस अपनी भागीदारी को निलंबित कर रहा है। गौरतलब है कि इस नई संधि पर प्राग में वर्ष 2010 में दस्तखत किए गए थे और यह इसके अगले वर्ष लागू हुई थी। बाइडेन के पद संभालने के बाद पांच वर्ष के लिए बढ़ाया गया था।
यह संधि, अमेरिका और रूस की ओर से तैनात किए जाने वाले सामरिक परमाणु हथियारों की संख्या और उन्हें जमीन और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, रूस के पास दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार है, एक अनुमान के अनुसार इसमें करीब छह हजार हथियार हैं। रूस और अमेरिका के पास, कुल मिलाकर दुनिया के करीब 90 फीसदी परमाणु हथियार हैं, जो दुनिया को कई बार नष्ट करने के लिए पर्याप्त हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे से ठीक बाद दिए अपने भाषण में पुतिन ने कहा- मेरे लिए देश की सुरक्षा अहम है और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यूक्रेन युद्ध के लिए पूरी तरह से पश्चिमी देश जिम्मेदार हैं। पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने दुनिया भर में अपने सैनिक तैनात किए हुए हैं। हमारी लड़ाई यूक्रेन के लोगों के साथ नहीं, बल्कि पश्चिमी ताकत के खिलाफ है।