समरकंद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन, एससीओ देशों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास बढ़ाने की वकालत की है। एससीओ की बैठक के दूसरे दिन अपने भाषण में मोदी ने दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में बताया और उसके समाधान की बात की। उन्होंने भारत की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए स्टार्टअप का जिक्र किया और यह भी कहा कि इस मामले में भारत दुनिया को देशों को सीख दे सकता है।
एससीओ शिखर सम्मेलन के पहले चरण की मीटिंग में एससीओ के सुधार और विस्तार, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग, संपर्क को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है। उन्होंने कहा- दुनिया कोविड महामारी से उबर रही है। यूक्रेन संकट और कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में कुछ दिक्कतें आई हैं। विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- एससीओ देशों के बीच सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है। हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा- हम इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप हैं, इनमें एक सौ से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। हम नए स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ सदस्यों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।
खाद्य सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने कहा- विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, वो है नागरिकों की खाद्य सुरक्षा निश्चित करना। इसका समाधान मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देना है। ये विश्व के कई हिस्सों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है। ये खाद्य का उत्तम साधन है। 2023 को ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा- भारत दुनिया के मेडिकल टूरिज्म के लिए सबसे उचित डेस्टिनेशन है। हमने गुजरात में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। हमें एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। भारत इसके लिए पहल करेगा।