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We Salute You: शाम के 7 बजे पता चल गया कि नहीं रही मां इसके बाद भी रातभर ड्यूटी करने के बाद ही पहुंचे घर

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We Salute You: शाम के 7 बजे पता चल गया कि नहीं रही मां इसके बाद भी रातभर ड्यूटी करने के बाद ही पहुंचे घर
Lucknow | We Salute You Mother : कोरोना की दूसरी लहर में कई ऐसे लोग सामने आए जिन्होंने मानवता को शर्मसार कर दिया. इन लोगों में कुछ आवश्यक दवाइयों की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों के साथ ही मौके का फायदा उठाने वाले लोग भी शामिल थे. लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने अपनी काम की निष्ठा से लोगों को ना सिर्फ प्रेरित किया बल्कि उनके आदर्श भी बन गए. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सामने आया है. यहां के एक एंबुलेंस ड्राइवर को शाम के 7:00 बजे या जानकारी मिली कि उसकी मां का देहांत हो गया. इसके बाद से लगातार उसकी फोन की घंटियां बजती रही लेकिन वह अहले सुबह ही अपने गांव पहुंचा. सुबह गांव पहुंचकर उसने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और उसके बाद एक बार फिर अपने काम पर लौट आया.

रात भर में 15 मरीजों को लेकर गया अस्पताल

We Salute You Mother :  उत्तर प्रदेश के इस एंबुलेंस ड्राइवर का नाम प्रभात यादव है. प्रभात का अपने काम के प्रति संवेदनशील होना इस बात का प्रमाण है कि अभी भी दुनिया में ऐसे लोग हैं जो अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाते हैं. प्रभात ने बताया कि शाम 7:00 बजे के बाद से पूरा परिवार लगातार उन्हें फोन कर रहा था लेकिन इस दौरान कई इमरजेंसी मरीजों के फोन आ रहे थे जिन्हें अस्पताल लेकर जाना जरूरी था. एंबुलेंस के डाटा की माने तो प्रभात ने उस रात करीब 15 मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया और अपना पूरा काम खत्म करने के बाद ही अपने गांव के लिए रवाना हुआ. बता दे प्रभात का गांव कार्यस्थल से 200 किलोमीटर की दूरी पर है. वह चाहता तो 4 से 5 घंटे में अपने गांव पहुंच सकता था. लेकिन प्रभात ने अपने कार्य और ड्यूटी को महत्व दिया जिसके कारण वह आज आदर्श स्थापित कर सका. इसे भी पढ़ें- Narsingh Jayanti 2021: भगवान नरसिंह ने यहां लिया था अवतार, पत्थर के खंभे में से प्रकट होकर बचाई थी भक्त प्रहलाद की लाज

मां तो गुजर गई लेकिन किसी की तो जान बच सकी...

We Salute You Mother :  इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रभात ने कहा कि मां के निधन की सूचना तो उसे मिल गई थी. प्रभात ने कहा कि मेरे जल्दी घर जाने से मेरी मां तो वापस नहीं लौट सकती थी लेकिन अगर मैं अपनी ड्यूटी नहीं करता तो कुछ लोगों की जान जरूर चल जाती. प्रभात ने कहा कि मैंने सोचा मां की जान तो नहीं बच सकी लेकिन अगर कुछ लोगों की जान बचा सका तो यह मेरी मां को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. बता दें कि प्रभात उत्तर प्रदेश की 108 सर्विस एंबुलेंस पिछले 9 सालों से चला रहे हैं. इस दौरान प्रभात ने कई बार मानवता के कुछ ऐसे उदाहरण पेश किए हैं जिससे वह औरों से अलग हो जाते हैं. इसे भी पढ़ें-  राजस्व बढ़ाने के लिए देश में यहां पेट्रोल पंप और डिपार्टमेंट स्टोर पर भी बिकेगी शराब….
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