नई दिल्ली। राजद्रोह कानून पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने इससे असहमति जता दी। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने लक्ष्मण रेखा की याद दिलाते हुए कार्यपालिका और न्यायपालिका सहित विभिन्न संस्थानों के लिए लक्ष्मण रेखा की बात कही और कहा कि किसी को इसे पार नहीं करना चाहिए।
सर्वोच्च अदालत के फैसले के तुरंत बाद कानून मंत्री ने कहा- हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं। अदालत को सरकार, विधायिका का सम्मान करना चाहिए। इसी तरह सरकार को भी अदालत का सम्मान करना चाहिए। हमारी स्पष्ट सीमाएं हैं और उस लक्ष्मण रेखा को किसी को पार नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे इससे पहले 30 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने लक्ष्मण रेखा की याद दिलाई थी।
इसे पहले सोमवार को रीजीजू ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि राजद्रोह कानून के प्रावधानों का पुनरीक्षण किया जाए और फिर से विचार किया जाए। उन्होंने कहा था कि सरकार इस बारे में सभी संबंधित पक्षों के विचारों का उचित संज्ञान लेगी और आईपीसी की धारा 124ए की बात आने पर सुनिश्चित करेगी कि तो देश की संप्रभुता और अखंडता बनी रहे।